पेट्रोल-डीजल और ATF के एक्सपोर्ट पर मोदी सरकार ने बढ़ाया टैक्स
Friday, Jul 01, 2022 - 11:34 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल और ATF के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया है। पेट्रोल पर 5 रुपए प्रति लीटर तो वहीं डीजल पर ₹12/लीटर तक एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की गई है। ATF (Aviation Turbine Fuel) के एक्सपोर्ट पर 6 रुपए प्रति लीटर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है। देश में ईंधन की कमी ना हो इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है। इससे घरेलू बाजार में कीमतों पर नियंत्रण रखने में भी मदद मिलेगी। हालांकि, नेपाल-भूटान आदि देशों में एक्साइज में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला नहीं लिया गया है।
आम लोगों पर नहीं पड़ेगा असर
पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी पर बढ़ाने के फैसले पर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि पेट्रोल-डीजल के एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया गया है इससे आम उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ेगा। बल्कि इस फैसले से देश में इन चीजों की उपलब्धता बनी रहेगी। केंद्र सरकार ने ये फैसला इसलिए किया क्योंकि, कंपनियां पिछले कुछ समय से ज्यादा एक्सपोर्ट कर रही थीं। एक्सपोर्ट करने से घरेलू बाजार में ही तेल कम पड़ रहा था। इससे कीमतें भी बढ़ रही थी। अब सरकार के इस फैसले से कीमतों को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी, इसका लाभ आम जनता को मिलेगा।
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतों के बढ़ने के बाद उत्पादकों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ को नियंत्रित करने के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,230 रुपए प्रति टन का अतिरिक्त कर लगाने का फैसला लिया है। इस संबंध में सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है।
आपको बता दें कि भारतीय तेल रिफाइनर यूरोप और अमेरिका जैसे बाजारों में ईंधन के निर्यात से भारी लाभ कमा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के निर्यात पर लगने वाले कर को बढ़ाकर 23, 230 रुपए प्रति टन कर दिया है।
सोने पर आयात शुल्क बढ़ा
सरकार ने सोने के आयात पर बेसिक इम्पोर्ट ड्यूटी को बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया। इससे पहले इसकी दर 7.5 फीसदी थी। एक आधिकारिक नोटिफिकेशन में इसकी जानकारी दी गई। आपको बता दें कि भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत को ज्यादातर सोना आयात करना पड़ता है। कच्चा तेल के बाद सोना भारत के इम्पोर्ट बिल के सबसे बड़े कंपोनेंट में से एक है।