मोदी सरकार के 4 साल, जेटली ने कहा- PM ने दिया भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन
Saturday, May 26, 2018 - 04:31 PM (IST)
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि बीते चार साल में मोदी सरकरार ने ‘भ्रष्टाचार मुक्त’ प्रशासन दिया है और भारत आज विदेशी निवेश पर निर्भर ‘पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं’ की सूची से निकलकर वैश्विक मंच पर ‘आकर्षक गंतव्य’ बन गया है। जेटली ने केंद्र में सत्तारूढ़ राजग सरकार के चार साल पूरे होने पर सोशल मीडिया वेबसाइट ‘फेसबुक’ पर अपनी टिप्पणी में यह बात कही है। उन्होंने कहा है कि अब सरकार का ध्यान, अब तक की गई पहलों को मजबूत बनाने पर रहेगा।
देश को मिली भ्रष्टाचार मुक्त सरकार
जेटली ने लिखा है कि इसे पहले संप्रग सरकार के दस साल में देश में स्वतंत्रता के बाद, सबसे भ्रष्ट सरकार देखने को मिली थी। मंत्री के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायी व संस्थागत बदलावों के जरिए पारदर्शी प्रणालियां स्थापित की हैं जिससे इस देश को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार मिली है। संप्रग के विपरीत, प्रधानमंत्री (मोदी) उनकी पार्टी व देश, दोनों के स्वाभाविक नेता हैं।’ जेटली के अनुसार देश ने अनिर्णय की स्थिति से स्पष्टता व निर्णायकता की ओर यात्रा शुरू की है। उन्होंने लिखा है, ‘वैश्विक आर्थिक मोर्चे पर भारत ‘उभरती कमजोर पांच अर्थव्यवस्थाओं’ की सूची से निकलकर ‘आकर्षक गंतव्य’ बन गया है। नीतिगत मोर्चे पर अपंगता वाली सरकार की जगह फैसलों व कार्रवाई वाले प्रशासन ने ली है। मंत्री का कहना है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है और वह आने वाले कई साल तक यहां बना रहेगा इसकी पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि देश का ‘मूड निराशा से उम्मीद और आकांक्षाओं से भरा हो गया है।
मोदी सरकार ने बदले कानून
जेटली ने कहा, ‘‘बेहतर राजकाज और अच्छे अर्थशास्त्र में अच्छी राजनीति का मिश्रण हुआ है। इसका परिणाम यह हुआ है कि भाजपा को आज अधिक भरोसा है। पार्टी का भौगोलिक आधार व्यापक हुआ है, सामाजिक आधार बढ़ा है और उसके जीतने की क्षमता काफी बढ़ी है।’’ मंत्री ने कहा, ‘विवेकाधिकारों से अधिकारों के दुरुपयोग की आशंका होती है क्योंकि उनका दुरुपयोग किया जा सकता है। ठेकों, प्राकृतिक संसाधनों, स्पेक्ट्रम आदि का आवंटन अब बाजार आधारित व्यवस्था से होता है जबकि पहले उन्हें ‘विवेकाधिकारों’ पर बांटा जा रहा था।’ उन्होंने कहा, ‘कानूनों को बदला गया है। उद्योगपति अब बार बार साउथ ब्लाक, नार्थ ब्लाक या उद्योग भवन की यात्रा करते नजर नहीं आते। पर्यावरणीय मंजूरी के लिए फाइलों का ढेर नहीं लगता है।’