मोदी की ‘उदय’ योजना हो रही है फेल, 18 राज्‍यों में नहीं थमी बिजली चोरी

Monday, Oct 02, 2017 - 03:18 PM (IST)

नई दिल्लीः मोदी सरकार द्वारा देश में बिजली की स्थिति में सुधार के लिए शुरू की गई उदय (उज्जवल डिस्कॉम्स एश्योरेंस योजना) का टारगेट पूरा होता नहीं दिख रहा है। खासकर बिजली चोरी के मामले में 18 राज्य अपने टारगेट से कोसों दूर हैं। उदय स्कीम को शुरू हुए दो साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन अब तक उदय के खास परिणाम देखने को नहीं मिले हैं। डिस्कॉम्स ( बिजली वितरण करने वाली सरकारी-गैर सरकारी कंपनी) के लॉस का बड़ा कारण बिजली चोरी (एटीएंडसी लॉस) को माना जाता है, लेकिन राज्यों में इस पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है।

क्या है योजना का लक्ष्य
उज्जवल डिस्कॉम्स एश्योरेंस योजना (उदय) की शुरुआत मोदी सरकार नवंबर 2015 में की थी। इसका मकसद बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों ( डिस्कॉम्स) की फाइनेंशियल पॉजिशन में सुधार करना है। सरकार के मुताबिक डिस्कॉम्स लगभग 3.8 लाख करोड़ रुपए के घाेटे में हैं, जबकि उन पर 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक कर्ज है। मोदी सरकार के मुताबिक डिसकॉम्स के घाटे की एक बड़ी वजह एटीएंडसी लॉस है, जिसमें आम भाषा में बिजली चोरी कहा जाता है। पिछले साल जब उदय की शुरुआत हुई तो उस समय कहा गया कि देश में एवरेज एटीएंडसी लॉस का प्रतिशत 25 है, जबकि यूके-यूएस में 6 और 7 फीसदी है। सरकार ने टारगेट रखा है कि मार्च 2019 तक देश का औसत एटीएंडसी लॉस 15 फीसदी तक पहुंचा दिया जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ पावर द्वारा संचालित उदय पोर्टल के मुताबिक, अब तक 27 राज्यों और केंद्र के बीच उदय को लेकर समझौता हुआ है। इनमें केवल दो राज्यों गुजरात और हिमाचल प्रदेश ने एटीएंडसी लॉस का टारगेट हासिल किया है।

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