भारत में ही बनेंगी मोबाइल और कार की बैटरी, सरकार खर्च करेगी 71,000 करोड़ रुपए

punjabkesari.in Tuesday, Oct 13, 2020 - 05:48 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों और एनर्जी स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय बैटरी पॉलिसी तैयार कर रही है। इस पॉलिसी को जल्द ही कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। जानकारी के मुताबिक पॉलिसी में भारत में लिथियम आयन के अलावा भी सभी तरह के एडवांस केमिस्ट्री सेल के मैन्यूफेक्चरिंग के लिए गीगा फैक्टरीज को बनाने के लिए इंसेंटिव दिए जाएंगे। सरकार के इस फैसले का दक्षिण कोरिया की एलजी कैमिकल और जापान की पेनासॉनिक कॉर्प को फायदा तो होगा ही साथ ही भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा को भी लाभ मिलेगा।

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71 हजार करोड़ खर्च करेगी सरकार 
राष्ट्रीय बैटरी पॉलिसी के तहत 10 साल में 71,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 2030 तक 609 GW एनर्जी स्टोरेज की जरूरत का आकलन है। साल 2025 तक 50GW एनर्जी स्टोरेज क्षमता पैदा करने का लक्ष्य है। सरकार का मानना है कि यदि इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है तो इससे 2030 तक ऑयल इंपोर्ट बिल में 40 बिलियन डॉलर करीब 2.94 लाख करोड़ रुपए की कमी आएगी।

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प्रदूषण में कमी लाने के लिए आई जा रही है नई पॉलिसी 
लिथियम आयन सहित सभी एडवांस केमिकल केमिस्ट्री सेल बैटरी को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी आ रही है। पॉलिसी को लागू करने की जिम्मेदारी भारी उद्योग मंत्रालय की होगी। पिछले साल केवल 3400 इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री हुई है। जबकि इस अवधि में 17 लाख पारंपरिक यात्री कारों की बिक्री हुई है।

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jyoti choudhary

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