MobiKwik ने रेहड़ी-पटरी वालों के साथ किया करार

Thursday, Dec 15, 2016 - 02:45 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी से मिले अवसर को भुनाने की ई-वॉलेट कंपनियों की दौड़ में मोबिक्विक ने आज भारतीय रेहड़ी-पटरी विक्रेता संघ (नास्वी) के साथ करार की घोषणा की, जिसके तहत उसने दो महीने में 15 लाख विक्रेताओं को मोबिक्विक से जोडऩे तथा इसके इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है।

रेहड़ी-पटरी वाले नहीं करते थे मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल
नास्वी के समन्वयक अरविंद सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अभी रेहड़ी-पटरी वाले करीब ना के बराबर मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं। 1000 रुपए तथा 500 रुपए के पुराने नोटों को सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद पूरे देश में उनके कारोबार पर प्रभाव पड़ा है। चाहे वह छोटे शहरों के रेहड़ी-पटरी कारोबारी हों या बड़े शहरों के, सबका कारोबार कम हुआ है इसलिए उन्होंने मोबिक्विक के साथ करार किया है।

15 लाख सदस्यों को साथ जोड़ने का लक्ष्य
मोबिक्विक की सह संस्थापक तथा निदेशक उपासना टाकू ने कहा कि नास्वी के देश भर के 30 लाख सदस्यों में से कम से कम 15 लाख को दो महीने के भीतर मोबिक्विक के प्लेटफॉर्म पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। बड़ी संख्या में रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के पास भी स्मार्टफोन है। इसके अलावा अगले दस दिन में मोबिक्विक फीचर फोन पर काम करने वाला अपना ऐप लांच करेगी जिससे एस.एम.एस. के जरिए विक्रेता भुगतान स्वीकार कर पाएंगे। साथ ही जिनके पास फोन नहीं है उन्हें फोन उपलब्ध कराने के लिए फाइनेंशल को-ऑपरेटिवों से भी ऋण दिलाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।

ऋण भी उपलब्ध करवाया जाएगा
श्री सिंह ने बताया कि इसके लिए मोबाइल कंपनियों से भी बात की जा रही है। सुश्री टाकू ने कहा कि रेहड़ी-पटरी कारोबारियों को अब तक पूंजी के लिए साहूकारों पर निर्भर रहना पड़ता था क्योंकि उनका कोई बैंक खाता या ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड नहीं होने के कारण कोई क्रेडिट स्कोर भी नहीं होता था। इससे उन्हें परेशानी होती थी लेकिन, एक बार मोबिक्विक के जरिए उनका ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड स्थापित हो जाने के बाद कंपनी बैंकों के माध्यम से उन्हें ऋण उपलब्ध कराने की भी पहल करेगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती तौर पर यह ऋण उनके कुल कारोबार के 25 प्रतिशत तक होगा।  

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