उधारी के हीरा कारोबार से भरोसा गायब

Saturday, Mar 10, 2018 - 11:45 AM (IST)

मुंबईः हीरा कारोबारी नीरव मोदी मामले का असर पूरे हीरा कारोबार पर पड़ा है। भरोसे की उधारी (क्रेडिट) पर चलने वाले हीरा कारोबार से विश्वास गायब हो गया है जिसके कारण बैंक और निजी फाइनैंंसरों ने हीरा कारोबारियों के लिए दरवाजे फिलहाल बंद कर लिए हैं। आयकर विभाग के लगातार छापों की वजह से हीरा कारोबारी भी एक दूसरे को शंका भरी नजरों से देख रहे हैं। क्रेडिट बंद होने से सैकड़ों कारोबारियों की दुकानें भी बंद होने के कगार पर पहुंच चुकी हैं। 

नीरव मोदी और उनके रिश्तेदार गीतांजलि जेम्स के प्रवर्तक मेहुल चोकसी द्वारा पंजाब नैशनल बैंक के साथ 12,636 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद हर दिन आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सी.बी.आई. की टीम कहीं न कहीं छापेमारी कर रही है। घोटाले की जड़ें खोदने में लगी जांच एंजेसियां हीरा कारोबारियों की गतिविधियों पर नजर लगाए हुए हैं। कारोबारियों से पूछताछ आम बात हो चुकी है। जांच एजेंसियों के इस रुख से समूचा उद्योग डरा सहमा है। 

एशिया के सबसे बड़े हीरा बाजार भारत डायमंड बोर्स के सचिव नरेश मेहता कहते हैं कि नीरव मोदी और गीतांजलि के कारनामे का असर समूचे उद्योग पर पड़ा है। इससे वैश्विक साख प्रभावित हुई है, बाजार में हर व्यक्ति एक दूसरे को शंका भरी नजरों से देख रहा है और बैंक कर्ज देने से मना कर चुके हैं। मेहता कहते हैं कि सबको एक तराजू से नहीं तौला जा सकता। जो गलत हैं उनपर कार्रवाई हो लेकिन पूरे उद्योग को गलत नहीं कहा जा सकता है। हीरा का 80 फीसदी कारोबार बैंकों से मिले कर्ज पर चलता है। 180 दिन से 200 दिन के क्रेडिट पर माल लिया जाता है जिसके लिए बैंक गारंटर होते हैं लेकिन इस समय बैंक पूरी तरह हाथ खींच चुके हैं। इससे हीरा उद्योग बरबादी के कगार पर आ पहुंचा है।

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