वित्त मंत्रालय ने GST कानून के प्रावधानों को अधिसूचित करना शुरू किया, नियमों में हो रहा है संशोधन

Thursday, Jun 29, 2017 - 10:44 AM (IST)

नई दिल्लीः माल एवं सेवाकर को अमल में लाने में अब केवल दो दिन बचे हैं। ऐसे में वित्त मंत्रालय ने जी.एस.टी. कानून के विभिन्न प्रावधानों को अधिसूचित करना शुरू कर दिया है। इनमें ब्याज की गणना करना, इनपुट कर क्रेडिट और मूल्यांकन से जुड़े प्रावधान शामिल हैं।

1 जुलाई से लागू होंगे ये नियम
वित्त मंत्रालय केंद्रीय जी.एस.टी. (CGST), एकीकृत जी.एस.टी. (IGST) और संघ शासित प्रदेश जी.एस.टी. कानून के प्रावधानों और उनसे जुड़े नियमों को अधिसूचित कर रहा है। इनमें कर चालान, क्रेडिट और डेबिट नोट, लेखा और रिकार्ड, रिटर्न, कर के भुगतान, रिफंड, आकलन एवं आडिट तथा अग्रिम नियमन से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। मंत्रालय ने इसके साथ ही अपील और पुर्नसमीक्षा, बदलाव के दौर से जुड़े प्रावधानों, मुनाफा-रोधी और ई-वे से जुड़े नियमों को भी अधिसूचित किया गया है। ये नियम एक जुलाई से अमल में आ जाएंगे।

देना होगा इतना ब्याज
अधिसूचना के मुताबिक कर का देरी से भुगतान करने पर 18 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा। इसके साथ ही इनपुट क्रेडिट का अधिक दावा करने के मामले में 24 प्रतिशत ब्याज देय होगा। इसी तरह आउटपुट देनदारी पर अधिक कमी करने पर भी इतनी ही दर से ब्याज देय होगा। रिफंड यदि रोका जाता है तो उस पर 6 प्रतिशत दर से ब्याज देना होगा। मंत्रालय इसके अलावा केंद्रीय जी.एस.टी. नियमों में 12 संशोधनों को भी अधिसूचित कर रहा है। 

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