वित्त मंत्रालय ने गिनाई 2017 की बड़ी उपलब्धियां

Tuesday, Dec 19, 2017 - 01:27 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) पर अमल, कारोबार सुगमता रैंकिंग में उछाल तथा मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग में सुधार वर्ष 2017 की उसकी प्रमुख उपलब्धियां रही हैं। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाते समय लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना सरकार का प्राथमिक मकसद रहा है। इससे 48 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फायदा हुआ।’’

GST सबसे बड़ा बदलाव
अरुण जेटली के नेतृत्व वाले वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा है कि उसके लिए यह साल ऐतिहासिक रहा। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने करीब 13 साल बाद भारत की स्थानीय तथा विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग में सुधार किया। इसके अलावा विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत ने सीधे 30 पायदान की छलांग लगाई। मंत्रालय ने कहा नोटबंदी से समूची वित्तीय प्रणाली को साफ सुथरा बनाने के प्रत्यक्ष संकेतक दिखने लगे हैं। बयान में यह भी कहा गया है कि जुलाई में लागू किया गया माल एवं सेवा कर (जीएसटी) एक बदलाव लाने वाला सुधार रहा है। जीएसटी से अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है। इससे कई केंद्रीय और राज्य शुल्कों को समाहित किया गया है।  वर्ष के दौरान आयकर कानून को नए सिरे से लिखने के लिए नई प्रत्यक्ष कर संहिता की भी पहल हुई है।

GDP में सुधार
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल में कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 72,500 करोड़ रुपए के विनिवेश लक्ष्य को पार कर लेगी। 15 दिसंबर तक सरकार ने विनिवेश से 52,389.56 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर मंत्रालय ने कहा कि दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की वृद्धि के आंकड़ों में सुधार हुआ। जुलाई-सितंबर में जी.डी.पी. की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही। पहली तिमाही में यह तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई थी।

MDR शुल्क का बोझ उठाएगी सरकार
मंत्रालय ने इस साल की कुछ अन्य उपलब्धियों का भी जिक्र किया। इनमें रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति का संस्थानीकरण, विदेशी निवेश संवद्र्धन बोर्ड (एफ.आई.पी.बी.) को समाप्त करने की मंजूरी, अप्रैल में गांधीनगर की फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) में देश के पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आई.एफ.एस.सी.) का अस्तित्व में आना शामिल है। मंत्रालय ने इसके अलावा नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का भी जिक्र किया है। हाल ही में सरकार ने फैसला किया है कि 2,000 रुपए तक के लेनदेन पर डिजिटल तरीके से यानी डेबिट कार्ड के जरिए किए गए भुगतान पर एमडीआर शुल्क का बोझ खुद उठाएगी। इससे छोटे व्यापारियों को काफी राहत मिली है।    

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