आला अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है यह मंत्रालय

punjabkesari.in Saturday, Mar 04, 2017 - 03:12 PM (IST)

नई दिल्लीः पीएम नरेंद्र मोदी का टूरिज़म पर विशेष जोर है। केंद्र सरकार की ई-वीजा पॉलिसी से देश में विदेशी टूरिस्ट की आवक में खासा इजाफा हुआ है लेकिन वहीं दूसरी ओर टूरिज़म मंत्रालय इस वक्त आला अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। मंत्रालय में तमाम आला अधिकारियों का काम अतिरिक्त प्रभार के तौर पर किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही टूरिज़म सेक्रटरी विनोद जुत्शी रिटायर हुए हैं, ऐसे में किसी ऑफिसर को पूरा चार्ज देने के बजाय सरकार ने फिलहाल संस्कृति मंत्रालय के सेक्रटरी एन के सिन्हा को इस मंत्रालय का भी अतिरिक्त प्रभार दे दिया है। दरअसल, एक तो दोनों मंत्रालयों के मंत्री एक हैं और दूसरा पहले भी दोनों मंत्रालयों एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते रहे हैं।

एक अधिकारी के पास कई जिम्मेदारियां
मंत्रालय में अडिशनल सेक्रटरी के पद का काम भी प्रभार के तौर पर चल रहा है। लगभग 5-6 महीने पहले अडिशनल सेक्रटरी उदय प्रताप को डीडीए भेजा गया था। उनके बाद यह जिम्मेदारी त्रिपुरा काडर के संजीव रंजन का सौंप दी गई। वह मंत्रालय के अडिशन सेक्रटरी का काम देखने के अलावा फ़ाइनैंशल अडवाइजर की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। मजे की बात है कि रंजन के पास सिर्फ ये ही दो जिम्मेदारियां नहीं हैं, वह रोड ट्रांसपोर्ट जैसे व्यस्त व महत्वपूर्ण मंत्रालयों में भी लगभग यही दोनों जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं।

काम पर पड़ेगा असर
आपको बता दें कि आईटीडीसी के सीएमडी उमंग नरूला का कार्यकाल खत्म हुए भी समय बीत गया है। ऐसे में नए सीएमडी का नियुक्ति होने की बजाय वहां नंबर 2 के तौर पर काम देख रहे डायरेक्टर कमर्शल ऐंड मार्केटिंग पियूष तिवारी को अतिरक्त चार्ज दे दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मंत्रालय की तमाम ऐसी योजनाएं हैं, जिन्हें अगले चरण में ले जाना है, लेकिन आला अधिकारियों की कमी का असर इन योजनाओं पर पड़ने की संभावना बनने लगी है। कुछ अधिकारियों का मानना है कि इसका असर काम पर पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि ई-वीजा, विदेशी भाषाओं में हेल्प लाइन व प्री-ऐक्टिवेटेड सिम जैसी योजनाओं को अगले चरण में ले जाना है, लेकिन इसमें वक्त लग सकता है।


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