उर्वरक विभाग और एचयूआरएल के बीच ऋण समझौता, मिलेगा 1,257 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण

Wednesday, Sep 09, 2020 - 12:01 PM (IST)

नई दिल्ली: रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने मंगलवार को हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के सिंदरी, गोरखपुर और बरौनी के तीन संयंत्रों का पुनरुद्धार करने के लिए उसे 1,257 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान किया है। एचयूआरएल, सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों एनटीपीसी, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), आईओसीएल और फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) के बीच एक साझा उद्यम है।

उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा की मौजूदगी में समझौता 
एक सरकारी बयान के अनुसार केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, सचिव (उर्वरक); अतिरिक्त सचिव (उर्वरक) और एचयूआरएल के प्रबंध निदेशक की उपस्थिति में उर्वरक विभाग और एचयूआरएल के बीच ऋण समझौते को अंतिम रूप दिया गया। केंद्र ने तीन बंद इकाइयों के पुनरुद्धार के लिए एचयूआरएल को 1,257.82 करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त ऋण देने को मंजूरी दी। एचयूआरएल को गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी परियोजनाओं के लिए क्रमश: 422.28 करोड़ रुपये, 415.77 करोड़ रुपये और 419.77 करोड़ रुपये मिले।

देश में यूरिया का उत्पादन बढ़ेगा
ऋण का पुनर्भुगतान आठ वर्षो में करना होगा जो वर्ष 2022-23 से शुरू होगा। इस अवसर पर गौड़ा ने कहा कि घरेलू यूरिया उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एचयूआरएल की तीन इकाइयों के लिए ऋण की मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि ऋण राशि जारी होने से गोरखपुर, बरौनी और सिंदरी में एचयूआरएल के तीन संयंत्रों को वर्ष 2021 तक नीम लेपित यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने में मदद मिलेगी। एचयूआरएल गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी में तीन गैस आधारित यूरिया विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित कर रही है। प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 12.7 लाख टन प्रति वर्ष है।
 

rajesh kumar

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