कोरोना संकटः मनरेगा जॉब कार्ड धारकों पर संकट के बादल
Tuesday, Apr 14, 2020 - 02:33 PM (IST)
नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोजगार पर संकट के बादल छाए हैं। इस माह में रोजगार सामान्य दर से केवल एक फीसदी से अधिक गिर सकता है। कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई की कि सरकार इस समय सभी सक्रिय जॉब कार्ड धारकों को पूरा वेतन दें।
मनरेगा वेबसाइट से लिए गए डेटा के अनुसार, लॉकडाउन शुरु होने से पहले फरवरी में इस योजना के तहत 1.8 करोड़ परिवारों को रोजगार दिया गया था और मार्च में लगभग 1.6 करोड़ परिवारों को काम दिया गया जिसकी तुलना में अप्रैल 2020 में अब तक 1.9 लाख से कम परिवारों को योजना के तहत काम प्रदान किया गया है।
इस योजना के तहत अप्रैल में छत्तीसगढ़ सबसे अधिक रोजगार देने वाला था, जिसमें 70,000 से अधिक परिवारों और इसके बाद आंध्र प्रदेश में 53,000 से अधिक परिवारों को काम दिया गया। हालांकि, ये आंकड़े इन राज्यों में उपलब्ध कराए गए सामान्य रोजगार का एक अंश हैं, और कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में चिंता भी पैदा करते हैं।
यह योजना जो 209 रुपए के औसत दैनिक वेतन पर प्रति वर्ष 100 दिनों के काम की गारंटी देती है, गरीब ग्रामीणों को आजीविका प्रदान करने की कुंजी है और मुश्किल समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कुल मिलाकर 7.6 करोड़ परिवार इस योजना के तहत सक्रिय जॉब कार्ड रखते हैं और पिछले वर्ष लगभग 5.5 करोड़ परिवारों को इस योजना के तहत काम मिला।