मार्च तिमाही में मजबूत रहा फंडों का एयूएम

punjabkesari.in Wednesday, Apr 07, 2021 - 01:48 PM (IST)

मुंबईः देसी म्युचुअल फंड उद्योग ने मार्च 2021 की तिमाही में अपनी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में अच्छी खासी बढ़ोतरी दर्ज की है। मार्च 2021 की तिमाही में औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 19 फीसदी बढ़कर 32.1 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई, जो मार्च 2020 की तिमाही में 27.03 लाख करोड़ रुपए रही थी। इक्विटी में औसत एयूएम को मार्च 2020 की तिमाही में महामारी के कारण हुई बिकवाली से झटका लगा था। 

हालांकि अगर हम जनवरी 2020 के आखिर से औसत एयूएम की तुलना करें तो उसमें 14 फीसदी की बढ़ोतरी नजर आ रही है और यह 28.2 लाख करोड़ रुपए रहा है। बाजार में अच्छी खासी तेजी के कारण परिसंपत्तियों में बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2021 में बेंचमार्क सेंसेक्स करीब 70 फीसदी चढ़ा, जो 11 साल में सबसे बड़ी सालाना बढ़त है। एसबीआई एमएफ पहले स्थान पर काबिज रहने में कामयाब रही। उसकी औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां मार्च 2021 की तिमाही में 5.04 लाख करोड़ रुपए रही, जो सालाना आधार पर 35 फीसदी ज्यादा है। उद्योग निकाय एम्फी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। 

फंड हाउस ने एचडीएफसी एमएफ से इस मामले में अंतर बढ़ा लिया है। एक साल पहले दोनों एमएफ के आंकड़े काफी करीब थे। अभी एसबीआई एमएफ का एयूएम एचडीएफसी एमएफ के मुकाबले करीब 20 फीसदी ज्यादा है। 10 अग्रणी कंपनियों में ऐक्सिस एमएफ ने औसत एयूएम सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की है और यह जनवरी-मार्च तिमाही में 42 फीसदी बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया।

एसबीआई एमएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कारोबार के विस्तार के लिए कंपनी ने जो कदम उठाए हैं उससे इस तरह की बढ़त दर्ज करने में उसे मदद मिली। एसबीआई एमएफ के एक आला अधिकारी ने कहा, 2014-15 से हमने देश भर में अपनी पहुंच का विस्तार करने पर काफी निवेश किया है। हम नई शाखाएं खोलना जारी रखे हुए हैं और वितरक साझेदार में भी इजाफा कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमारे फंड का प्रदर्शन काफी सुधरा है और इन सभी चीजों ने मजबूत बढ़त में हमें मदद की। परिसंपत्तियों में तीव्र बढ़ोतरी फंड हाउस के लिए अच्छा है क्योंकि भारतीय स्टेट बैंक अपनी एमएफ इकाई को निकट भविष्य में सूचीबद्ध कराने पर विचार कर रहा है।

उद्योग के भागीदारों ने कहा कि साल 2018 में आईएलऐंडएफएस के कारण पैदा हुए कर्ज संकट के बाद निवेशकों ने बड़े ब्रांडों का रुख किया। एसबीआई एमएफ और कुछ अन्य बैंक समर्थित फंड हाउस इस प्रवृत्ति का लाभ लेने वालों में अहम रहे हैं। दूसरे स्थान पर रही एचडीएफसी एमएफ का औसत एयूएम 4.15 लाख करोड़ रुपये रहा, जो आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ के 4.05 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।

फ्रैंकलिन टेम्पलटन एमएफ की रैंकिंग परिसंपत्ति के आकार के लिहाज से पिछले साल के नौंवें स्थान के मुकाबले 11वीं हो गई है। छोटे व मझोले आकार के फंड हाउस मसलन पीपीएफएएस एमएफ, आईटीआई एमएफ, क्लांट एमएफ आदि ने 100 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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