मेहुल चोकसी का बेतुका बहाना- ''तेज आंधी’ की वजह से नहीं भेज पाया कानूनी दस्तावेज
Saturday, Jul 13, 2019 - 05:43 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी और भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने कानूनी दस्तावेज समय पर न भेज पाने का एक अजीब तर्क दिया है। उसका कहना है कि एंटीगुआ और बारबुडा में 'तेज आंधी' के कारण वो भारत में अपने वकील को कानूनी कागजात नहीं भेज पाया। बता दें कि चोकसी ने पिछले साल जून में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मुंबई की एक कोर्ट में चोकसी ने आवेदन में कहा, "मैं पहले से ही काफी तनाव और कठिनाई से गुजर रहा हूं। अगर अपील दायर करने में देरी होती है, तो उसका कोई बहुत बड़ा कारण होगा।" उसने कहा कि ये देरी 'जानबूझकर' नहीं हुई है, बल्कि अनियंत्रित कारणों की वजह हुई।
31 जनवरी को मुंबई की एक विशेष अदालत ने गवाहों की जांच की मांग करते हुए चोकसी की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत भगोड़ा घोषित करना चाहता था। चोकसी अब इस याचिका को चुनौती देना चाहता है जबकि इसे चुनौती देने के लिए मेहुल चोकसी के पास 30 दिन का समय था।
जानबूझकर केस टालने की कोशिश कर रहा है चोकसी
जांच एजेंसियों की मानें तो मेहुल चोकसी केस को जानबूझकर टालने की कोशिश कर रहा है क्योंकि इससे पहले भी वो कुछ बहाने बना चुका है। चोकसी ने भारत आने से साफ इनकार कर दिया है। सीबीआई को भेजे जवाब में चोकसी ने कह दिया था कि वो फिलहाल यात्रा करने की स्थिति में नहीं है।
इसके अलावा चोकसी ने भारत में जांच के लिए नहीं पहुंच पाने की एक और वजह बताई थी। उसने कहा था, "मेरा पासपोर्ट सस्पेंड है। मैं एक और बात स्पष्ट करना चाहूंगा कि मुंबई पासपोर्ट ऑफिस ने मुझे अब तक पासपोर्ट सस्पेंड करने की कोई वजह नहीं बताई है। मुझे ये भी नहीं बताया गया है कि मैं किस तरह भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हूं।" मेहुल चोकसी के वकील ने मुंबई में हाई कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा था कि वो इलाज के लिए एंटीगुआ आया है न कि भारत से भाग गया है।
चोकसी की 24.77 करोड़ की संपत्ति जब्त
पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 11 जुलाई को भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की कुल 24.77 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति जब्त की है जिसमें कीमती वस्तुएं, वाहन और बैंक खाते शामिल हैं। पंजाब नैशनल बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले में यह कार्रवाई धनशोधन निवारक कानून 2002 के तहत की गई है।