मैक्डॉनल्ड्स के बर्गर में निकला कीड़ा, कंपनी को देना पड़ा 70 हजार रुपए का मुआवजा

Wednesday, Jun 05, 2019 - 02:21 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश स्थित नोएडा में मैकडॉनल्ड्स के एक आउटलेट को ग्राहक को 70 हजार रुपए का मुआवजा देना पड़ा है। मिली जानकारी के अनुसार एक ग्राहक पांच साल पहले एक बर्गर खाया था जिसमें एक कीड़ा था। बर्गर खाने के बाद ग्राहक बीमार पड़ा। जब वह इस मामले को लेकर जिला फोरम पहुंचा तो मुआवजा देने का आदेश हुआ। दिल्ली स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेशल कमीशन ने जिला फोरम का आदेश जारी रखा और अमेरिकी कंपनी को आदेश दिया कि वह ग्राहक को 70,000 रुपए का मुआवजा दे।

मैकडॉनल्ड्स ने जिला फोरम की ओर से दिए गए आदेश के खिलाफ स्टेट कमीशन में याचिका दायर की थी। अप्रैल में दायर की गई याचिका को 1 मार्च को ही दाखिल किया जाना चाहिए था लेकिन बिना कोई वजह बताए स्टेट कमीशन के सामने याचिका रखी गई।

मैकडॉनल्ड्स ने दिया यह तर्क
मैकडॉनल्ड्स ने कहा कि उसे आदेश की प्रति नहीं मिली। आयोग के न्यायिक सदस्य ओ पी गुप्ता ने कहा कि इसका सिर्फ एक निष्कर्ष यह है कि अपीलार्थी के वकील हवा में आरोप लगाकर इस आयोग को मूर्ख बनाना चाहते थे। गुप्ता ने कहा कि कंपनी के वकील या तो स्पष्ट नहीं हैं या वह आयोग को अंधेरे में रखना चाहते हैं। गुप्ता ने मैकडॉनल्ड्स की अपील को खारिज कर दिया और कहा, 'इस तरह का आचरण प्रशंसनीय नहीं है।'

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी दिल्ली निवासी संदीप सक्सेना 10 जुलाई 2014 को नोएडा स्थित जीआईपी मॉल में मैकडॉनल्ड्स के आउटलेट पर गए। वहां उन्होंने मैक आलू टिक्की ऑर्डर किया। सक्सेना ने जब बर्गर का एक कौर खाया तो उन्हें लगा कि इसमें कोई कीड़ा है। इसके बाद उन्हें उल्टी होने लगी।

बर्गर में निकला कीड़ा
इसी दौरान उन्होंने बर्गर को खोल कर देखा तो उसमें एक कीड़ा था जो चीटी, मच्छर या कॉकरोच जैसा दिख रहा था। उल्टी बंद न होने पर सक्सेना ने पहले पुलिस को फोन किया और फिर जिलाधिकारी के दफ्तर फोन किया। वहां से उन्हें फूड इंस्पेक्टर का नंबर मिला। इस दौरान जब उन्होंने आउटलेट के मैनेजर से बात करनी चाही तो उन्हें कोई मदद नहीं मिली।

सक्सेना इस दौरान अस्पताल गए और फूड इंस्पेक्टर ने बर्गर का सैंपल लिया जो 'अनसेफ' निकला। अपने वकील के माध्यम से, फूड चेन ने तर्क दिया, 'कोई शिकायत या प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी, हालांकि शिकायतकर्ता ने पीसीआर कॉल किया था, कंपनी को फूड इंस्पेक्टर से कोई नोटिस नहीं मिला था, इसके लिए गवाह की विस्तृत जांच की आवश्यकता थी।'

जिला फोरम ने दिया था आदेश
बाद में जिला फोरम ने मैकडॉनल्ड्स को आदेश दिया कि वह सक्सेना को 895 रुपए की भरपाई करे। जो उसने इलाज पर खर्च किया था। इसके साथ ही मानसिक पीड़ा के लिए 50,000 रुपए और मुकदमेबाजी की लागत के लिए 20,000 रुपए अदा करे। आदेश की प्रतिलिपि प्राप्त होने के 60 दिनों के भीतर आदेश का पालन किया जाना था और पालन न करने की स्थिति में मैकडॉनल्ड्स को मुआवजा राशि पर 9% ब्याज का भुगतान करने के लिए कहा गया था।

jyoti choudhary

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