मास्टरकार्ड पर 46 अरब रुपए का जुर्माना, उपभोक्ताओं और खुदरा दुकानदारों को नुकसान

Wednesday, Jan 23, 2019 - 01:36 PM (IST)

ब्रुसेल्सः यूरोपीय संघ ने दुकानदारों के लिए सस्ते भुगतान शुल्क की पेशकश करने वाले बैंकों के कारोबार में रुकावट डालने के दोष में क्रेडिट कार्ड कंपनी मास्टर कार्ड पर 57 करोड़ यूरो (46 अरब रुपए से अधिक) का जुर्माना लगाया है। प्रतिस्पर्धा आयुक्त एम वेस्टागेर ने कहा, 'मास्टर कार्ड ने खुदरा प्रतिष्ठानों को यूरोपीय संघ के अन्य देशों के बैंकों की ओर से प्रस्तुत अच्छी शर्तों को चुनने से रोक कर कार्ड से भुगतान की लागत को कृत्रिम तरीके से बढ़ा दिया। इससे उपभोक्ताओं और खुदरा दुकानदारों को नुकसान हुआ है।'

बता दें कि वीजा के बाद मास्टरकार्ड यूरोपीय बाजार में दूसरी सबसे बड़ी क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी है। यूरोपीय संघ के प्रतिस्पर्द्धा आयोग में इसके खिलाफ अप्रैल 2013 से जांच चल रही है। जांच में कंपनी ने सहयोग किया है। दरअसल, जब कोई ग्राहक क्रेडिट कार्ड से खुदरा विक्रेता को भुगतान करता है तो स्टोर का बैंक कार्डधारक के बैंक को शुल्क का भुगतान करता है। बाद में खुदरा विक्रेता का बैंक इस शुल्क को उस स्टोर को भेजता है, जिससे ग्राहकों की लागत बढ़ जाती है।

2015 से पहले इस तरह लगने वाली इंटरचेंज फीस पूरे यूरोप में अलग-अलग थी, लेकिन उस समय मास्टरकार्ड ने बैंकों को इस बात के लिए बाध्य किया कि वे अपने-अपने देश के हिसाब से शुल्क लागू करें। यूरोपीय संघ के आयोग ने एक बयान में कहा, इससे खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को उच्च कीमतों का सामना करना पड़ा।

इस आधार पर आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि मास्टरकार्ड के नियमों ने न केवल खुदरा विक्रेताओं को कम शुल्क से लाभान्वित होने से रोका बल्कि सीमा पार बैंकों की प्रतिस्पर्द्धा को कम किया। जो यूरोपीय यूनियन के नियमों के खिलाफ है। आयोग ने कहा कि जुर्माना तो और अधिक हो सकता था लेकिन कंपनी के सहयोग देने के चलते 10 प्रतिशत कम रखा गया है।


 

jyoti choudhary

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