Mastercard और Visa को भारत में देना होगा टैक्स, आप पर भी बढ़ सकता है बोझ

Monday, Nov 12, 2018 - 01:40 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गाइडलाइन के तहत ग्लोबल पेमेंट कंपनी मास्टरकार्ड, वीज़ा और अमेरिकन एक्सप्रेस अब अपने सर्वर भारत में ही सेटअप करने जा रही हैं। इससे भारतीयों के डाटा को देश में ही सुरक्षित रखा जा सकेगा। साथ ही, इन कंपनियों को भारत में होने वाली इनकम पर 15 फीसदी टैक्स देना होगा। अब तक इन कंपनियां को भारत में छूट थी, क्योंकि भारत में इन्हें एक स्थायी कंपनी का दर्जा नहीं प्राप्त था। ये कंपनियां भारत में सिंगापुर ऑफिस से ऑपरेट होती थीं, जबकि डाटा अमेरिका और आयरलैंड में स्टोर किया जाता था। 

कार्ड होल्डर से वसूला जा सकता है टैक्स 
भारत में स्थापित कंपनियों से कॉरपोरेट प्रॉफिट पर 30 फीसदी टैक्स वसूला जाता है। हालांकि, ग्लोबल पेमेंट कंपनी मास्टरकार्ड, वीज़ा और अमेरिकन एक्सप्रेस से 15 फीसदी टैक्स लिया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत का सिंगापुर जैसे देशों के साथ टैक्स समझौता हुआ है और ये कंपनियां सिंगापुर से ही ऑपरेट होती हैं। ऐसी खबरें हैं कि ये कंपनियां 15 फीसदी टैक्स का भी बोझ कार्ड होल्डर पर डालने जा रही हैं। मतलब इन कंपनियों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड होल्डर से फीस वसूली जा सकती है। 

आरबीआई का फरमान
रिजर्व बैंक ने इस साल अप्रैल में फरमान दिया था कि 15 अक्टूबर तक मास्टरकार्ड, वीज़ा और अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनियां भारत में डाटा सुरक्षित करने का इंतजाम कर लें, लेकिन 15 अक्टूबर की तय समय सीमा में वे ऐसा नहीं कर पाए।

Google और Apple पर टैक्स की मार
Google और Apple जैसे कंपनियों से भी आरबीआई ने भारतीयों का डाटा देश में ही ट्रांसफर करने निर्देश दिया है। ऐसे में, इन कंपनियों पर भी टैक्स का बोझ पड़ सकता है। भारत ने हाल ही में डाटा प्रोटेक्शन कानून बनाया है। इसमें घरेलू डाटा स्टोरेज सर्वर को भारत में ही लगाने का नियम है।  

jyoti choudhary

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