हवा साफ हो न हो, डीजल कारों पर पाबंदी से उद्योग पर मार जरूर पड़ेगी: भार्गव

Sunday, Jul 24, 2016 - 05:36 PM (IST)

नई दिल्ली: मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव को लगता है कि राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध से हवा की गुणवत्ता में सुधार शायद ही हो पर इससे वाहन उद्योग पर निश्चित रूप से बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह उचित है कि प्रतिबंध से प्रभावित करीब 2 लाख कार मालिकों को बिना उनकी बात सुने कह दिया जाए कि आपकी ‘संपत्ति अब कबाड़ बन गई है।’  

 

भार्गव ने कहा कि आई.आई.टी. कानपुर द्वारा वैज्ञानिक रूप से एकत्रित आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में वायु प्रदूषण में कारों का योगदान केवल 2.2 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘‘डीजल कारों पर प्रतिबंध से कम-से-कम मुझे नहीं दिखता कि कैसे यह दिल्ली में हवा गुणवत्ता में उल्लेखनीय अंतर लाएगा पर इससे निश्चित रूप से उद्योग जरूर प्रभावित होगा।  

 

भार्गव ने कहा कि राजधानी में आदेश से प्रभावित करीब 2 लाख कार मालिक ने कुछ भी गलत नहीं किया है और इन वाहनों को खरीदते समय कानून का पालन किया।  उन्होंने कहा, ‘‘अब बिना उनकी बातें सुनें यह कहा जाता है कि उनकी संपत्ति कबाड़ हो गई है। जहां तक लोगों का संबंध है, मुझे नहीं पता कि यह कितना उचित है। यह (वाहन) उनकी आजीविका का जरिया है, यह उनके कारोबार का जरिया है।’’ 

 

आर सी भार्गव ने कहा, ‘‘अब अचानक उन्हें अपनी बातें रखे बिना उनसे कहा जाता है कि वे वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसीलिए मुझे लगता है कि यह उनके साथ उचित नहीं है।’’ इस महीने की शुरूआत में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह डीजल चालित उन सभी वाहनों का पंजीकरण रद्द करे जो 10 साल से अधिक पुराने हैं और सड़कों पर चल रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इस आदेश का कम्पनी के कारोबार पर असर पड़ेगा, भार्गव ने कहा, ‘‘मैं कार बेचने को लेकर चिंतित नहीं हूं। हम कार बेचते रहे हैं और बिक्री जारी रखेंगे, यह मुद्दा नहीं है। मैं इसे मारुति के चेयरमैन या कार बनाने वाले के रूप में नहीं देख रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जिस तरीके से चीजें हो रही हैं, जिस तरीके से हवाई की गुणवत्ता सुधारने की कोशिश हो रही है, उसको लेकर चिंतित हूं।’’

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