चिप की आपूर्ति में सुधार के बीच मारुति को चौथी तिमाही में उत्पादन गतिविधियां तेज होने की उम्मीद

Sunday, Feb 06, 2022 - 02:23 PM (IST)

नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) को उम्मीद है कि महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों (चिप) की आपूर्ति में धीरे-धीरे सुधार के साथ मौजूदा तिमाही में उत्पादन गतिविधियां रफ्तार पकड़ सकेंगी। मारुति सुजुकी घरेलू यात्री वाहन बाजार में 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी तक पहुंचने के लिए अपने एसयूवी पोर्टफोलियो को मजबूत करने सहित अन्य उपायों पर विचार कर रही है।

अभी कुल मिलाकर कंपनी की बाजार हिस्सेदारी लगभग 44 प्रतिशत है। मध्यम आकार के एसयूवी खंड में कंपनी की स्थिति अधिक मजबूत नहीं है, जो काफी तेजी से बढ़ रहा है। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अजय सेठ ने विश्लेषकों के साथ कॉल में कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कमी की वजह से तीसरी तिमाही में करीब 90,000 वाहनों का उत्पादन नहीं हो सका। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की स्थिति अभी भी अनिश्चित है, लेकिन आपूर्ति धीरे-धीरे सुधर रही है। कंपनी को चौथी तिमाही में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है लेकिन यह पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाएगा।

वर्तमान में मारुति के हरियाणा और गुजरात के संयंत्रों की तिमाही उत्पादन क्षमता लगभग 5.5 लाख इकाई या 22 लाख इकाई सालाना की है। सेठ ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर के दौरान कंपनी को इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कमी का सामना करना पड़ा, खासकर त्योहारी सीजन के दौरान, जबकि कारों की मांग आमतौर पर अच्छी बनी रहती है।

सेठ ने बताया, ‘‘तीसरी तिमाही में पूछताछ, बुकिंग और खुदरा बिक्री में पिछली तिमाही की तुलना में सुधार हुआ है। वित्त की उपलब्धता और ब्याज दरें अनुकूल बनी हुई हैं।’’ उत्पादन परिदृश्य पर मारुति के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (बिक्री और विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल सितंबर से स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ है। उस समय कंपनी अपने विनिर्माण लक्ष्य का केवल 40 प्रतिशत ही उत्पादन कर पाई थी। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इस मायने में स्थिति में सुधार हो रहा है। हालांकि, यह अभी भी 100 प्रतिशत नहीं है। हम जनवरी, फरवरी और मार्च को लेकर आशान्वित हैं। हम 90 प्रतिशत से ऊपर जाने की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, संभवत: हम 100 प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाएंगे।’’ 
 

jyoti choudhary

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