विनिर्माण क्षेत्र में सितंबर में लगातार दूसरे माह वृद्धि, नियुक्तियां बढ़ी

punjabkesari.in Tuesday, Oct 03, 2017 - 02:06 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में सितंबर में लगातार दूसरे माह विनिर्माण गतिविधियों में तेजी का रुख रहा। नए आर्डर आने और उत्पादन बढऩे से सितंबर में विनिर्माण गतिविधियां बेहतर रहीं, हालांकि उनकी वृद्धि की रफ्तार एतिहासिक रूझानों को देखते हुये कुछ धीमी रही। एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष सामने आया है। निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पी.एम.आई.) सितंबर माह में 51.2 अंक रहा।

अगस्त के आंकड़े के मुकाबले इसमें मामूली बदलाव दिखा। इससे जी.एस.टी. व्यवस्था लागू होने के बाद व्यावसायिक गतिविधियों में सुधार जारी रहने का संकेत मिलता है, हालांकि यह आंकड़ा 54.1 के दीर्घकालिक रूझान से नीचे रहा।  पी.एम.आई. में 50 से कम अंक गिरावट को दर्शाता है जबकि इससे ऊपर का आंकड़ा व्यावसाय में वृद्धि का रुझान दिखाता है।  पी.एम.आई. रिपोर्ट की लेखक और आई.एच.एस. मार्कीट की अर्थशास्त्री आश्ना डोधिया ने कहा, ‘‘सितंबर के आंकड़े उत्साहवर्धक तस्वीर बनाते हैं। इन आंकड़ों से यह आभास मिलता है कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने से जो व्यावधान पैदा हुआ था उससे कारोबारी गतिविधियां उबरने लगीं हैं और यह क्रम जारी है।’’  

डोधिया ने कहा, ‘‘विनिर्माताओं के बीच कारोबारी विश्वास भी बढ़ा है। उन्हें लगता है कि सरकार की हाल की नीतियों से उन्हें दीर्घकाल में फायदा होगा। इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र में बेहतर रोजगार का अनुभव प्राप्त हुआ है जिससे कारोबारी विश्वास की पुष्टि होती है। नए कारोबारी आर्डर मिलने से भारतीय विनिर्माताओं ने अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है और इसकी गति अक्तूबर 2012 के बाद सबसे ज्यादा तेज देखी गई है।  मूल्य के मोर्चे पर सर्वेक्षण में कहा गया है कि हालांकि सितंबर में लागत का दबाव बढ़ा है लेकिन मुद्रास्फीति दीर्घकालिक रुझान के मुकाबले लगातार कमजोर बनी रही। 


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