माल्या को लेकर अब बैंकों और ED के बीच हो सकती है भिड़ंत

Wednesday, May 31, 2017 - 12:58 PM (IST)

मुंबईः चर्चित कारोबारी विजय माल्या को लेकर जल्द ही बैंकों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बीच टकराव हो सकता है कि माल्या ने यूबी ग्रुप की कंपनियों के जो शेयर बैंकों के पास गिरवी रखे थे, उन पर पहली हक किसका है। ईडी अधिकारियों ने कुछ हफ्ते पहले इनमें से कुछ कंपनियों के शेयर और ऐसेट्स का कंट्रोल अपने हाथों में लिया था। उसका कहना है कि वह जल्द ही अदालत से इनके लिए कुर्की का आदेश मांगेगा। वहीं, बैंकों का कहना है कि यह इतना आसान नहीं है। 

एक बैंकर ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ''इन पर सबसे पहला हक हमारा है क्योंकि माल्या और उनकी कंपनियों को दिए गए लोन के लिए इन्हें हमारे पास गिरवी रखा गया था।'' एक अन्य बैंकर ने कहा, 'जिन ऐसेट्स पर हमारा दावा नहीं है, ईडी उन्हें बेच सकता है लेकिन जो ऐसेट्स और शेयर हमारे पास गिरवी रखे गए हैं, वह उन पर कंट्रोल नहीं कर सकता।'' उन्होंने यह भी कहा कि हम माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। अगर माल्या को देश वापस लाया जाता है तो हमें लोन रिकवर करने में आसानी होगी। 

माना जा रहा है कि यह टकराव लंबा चल सकता है। इसके चलते हालैंड की चर्चित शराब कंपनी हाइनकेन के लिए भी मुश्किल खड़ी हो सकती है जिसकी उस यूनाइटेड ब्रूअरीज (यूबी) में मालिकाना हिस्सेदारी खरीदने की योजना है जिसके माल्या संयुक्त हिस्सेदार हैं। किंगफिशर बियर बनाने वाली यूबी में माल्या की 30 फीसदी हिस्सेदारी है। यह हिस्सेदारी भी उन परिसंपत्तियों में शामिल है जिन पर फिलहाल ईडी का कब्जा है। कुछ समय पहले खबर आई थी कि हाइनकेन ने यूबी में माल्या के शेयरों को खरीदने के लिए बैंकों से संपर्क किया था।

ईडी ने फिलहाल माल्या और उनकी कंपनियों के जो शेयर और परिसंपत्तियां जब्त की हैं उनकी कीमत करीब 9700 करोड़ बताई जाती है। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि इन्हें बेचने के लिए उन्हें अलग-अलग अदालतों से मंजूरी लेनी होगी। बताया जा रहा है कि जब भी वे ऐसा करेंगे तो बैंक इसका मजबूती से विरोध करेंगे।

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