महिंद्रा ने फोर्ड से मिलाया हाथ, 3 साल तक मिलकर बनाएंगे कार

Tuesday, Sep 19, 2017 - 01:13 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय ऑटोमोबाइल समूह महिंद्रा और अमरीका की फोर्ड मोटर तीन साल साथ मिलकर काम करेंगी। इसके तहत दोनों कंपनियां साथ मिलकर इलेक्ट्रिक और कनेक्टेड वाहनों के विकास की संभावना तलाशेगी। इस साझेदारी से फोर्ड को तेजी से विकास कर रहे भारतीय बाजार में आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी और महिंद्रा को वैश्विक बाजार में पैठ बनाने में सहूलियत होगी। महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा, 'वाहन उद्योग को दुनिया भर में नई प्रौद्योगिकी, टिकाऊ नीतियों और शहरी गतिशीलता के लिए नए मॉडल के विकास जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों को देखते हुए हमें बाजार के नए रुझानों का अनुमान लगाने, नए विकल्प तलाशने की जरूरत है, जिससे नए अवसरों की राह खुल सकती है।'

पहले भी साथ काम कर चुकी हैं दोनों कंपनियां
इससे पहले भी ये दोनों कंपनियां साथ काम कर चुकी हैं, वो करार 1998 में समाप्त हुआ था। महिंद्रा ने 1990 के दशक में फोर्ड के साथ साझेदारी की थी जिससे फोर्ड भारतीय बाजार में प्रवेश कर पाई थी। फोर्ड की भारत में पहली कार एस्कॉर्ट इसी साझेदारी के तहत बनाई गई थी। 2005 में फोर्ड ने संयुक्त उपक्रम में महिंद्रा की 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी। इसके बाद महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने फ्रांस की वाहन कंपनी रेनो के साथ भारत में उसकी सिडैन लोगान के निर्माण और बिक्री के लिए संयुक्त उद्यम बनाया। लेकिन यह करार भी लंबा नहीं चल पाया। अप्रैल 2010 में महिंद्रा ने संयुक्त उद्यम में रेनो की हिस्सेदारी खरीद ली।

फोर्ड को भारतीय बाजार में मिलेगी मजबूती
भारत की तीसरी सबसे बड़ी वाहन कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा को प्रतिस्पर्धी कंपनियों के यूटिलिटी वाहनों से तगड़ी टक्कर मिल रही है, जिससे उसकी बाजार हिस्सेदारी में सेंध लग रही है। फोर्ड भी पिछले कुछ समय से 3 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पर ही अटकी हुई है, जबकि कुछ वर्षों से वह भारत से सबसे बड़ी वाहन निर्यातक के तौर पर उभरी है। फोर्ड के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं वैश्विक बाजार के अध्यक्ष जिम फर्ली ने कहा, 'महिंद्रा के साथ आपसी समझौते पर किए गए हस्ताक्षर से हमें साथ मिलकर काम करने और वाहन उद्योग में आने वाले बदलावों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। यूटिलिटी बाजार में विकास की काफी संभावना है और मोबिलिटी तथा किफायती बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी में प्राथमिकता पर रखा है।'

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