LPG सबसिडी 10 लाख से ज्यादा कमाई वालों की भी रहेगी जारी

Saturday, Feb 13, 2016 - 12:46 AM (IST)

नई दिल्ली: वार्षिक 10 लाख रुपए से ज्यादा कमाने वालों की रसोई गैस सबसिडी में जबरन कटौती नहीं की जाएगी। सरकार इस वर्ग को मिलने वाली छूट में अपनी तरफ से सीधे तौर पर कोई कटौती नहीं करेगी। वित्त मंत्रालय पैट्रोलियम मंत्रालय के इस आशय के सुझाव से सहमत नहीं है। वहीं 10 लाख रुपए से ज्यादा आय वाले यदि सबसिडी छोडऩा चाहें तो ही उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा।

 
सरकार में सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने पैट्रोलियम मंत्रालय को कानून या नियम के जरिए सबसिडी काटने की बजाय ग्राहक की स्वेच्छा से जुड़े उपाय करने का सुझाव दिया है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक सबसिडी छोडऩे से जुड़े अपील अभियान को इस माह से और तेज करनेके साथ नए स्वरूप में लाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर अब तक करीब 69 लाख लोग सबसिडी छोड़ चुके हैं। 
 
करदाताओं की सूची सांझा करना कानूनी अड़चन
 
दूसरी अड़चन पैट्रोलियम मंत्रालय के साथ करदाताओं की सूची सांझा करने को लेकर है। वित्त मंत्रालय का तर्क है कि आयकर अधिनियम की धारा 138 करदाताओं की जानकारी सार्वजनिक करने पर रोक लगाती है। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय को सरकार की ओर से सबसिडी काटे जाने में जोखिम ज्यादा और राजस्व बढ़ौतरी की उम्मीद कम है क्योंकि 10 लाख से ऊपर कमाने वाले एल.पी.जी. धारकों का आंकड़ा 22.5 लाख के करीब है।
 
ग्राहक की मंजूरी पर ही कटौती होगी
 
मौजूदा समय देश में करीब 13 करोड़ एल.पी.जी. ग्राहक हैं। सूत्रों की मानें तो गत वर्ष गैस डीलरों के जरिए आय संबंधी व्यक्तिगत सूचना जुटाने को भी कहा गया था, लेकिन डीलरों ने इस काम में असमर्थता व्यक्त की थी। इसके बाद पैट्रोलियम मंत्रालय ने स्वैच्छिक घोषणा में आय 10 लाख से ज्यादा होने पर सबसिडी काटने का ऐलान किया था। सूत्रों के मुताबिक अब स्वैच्छिक घोषणा करने पर सबसिडी छोडऩे की अपील की जाएगी और ग्राहक की मंजूरी पर ही कटौती होगी।
 
 जबरन सबसिडी बंद करना उचित नहीं 
 
सरकार में सूत्रों का मानना था कि कच्चे तेल के दामों में बेतहाशा कमी के बावजूद पैट्रोलियम पदार्थों के दामों में कमी न होने से चौतरफा आलोचना झेल रही सरकार के रणनीतिकार जबरन सबसिडी कम किए जाने के लिए इस समय को उचित नहीं मान रहे। खासकर ऐसे समय जब 5 राज्यों में चुनाव होने हैं, यह मसला बड़ा मुद्दा बन सकता है। गौरतलब है कि वर्ष 2014-15 में एल.पी.जी. पर सरकार ने 40,551 करोड़ रुपए की सबसिडी दी है। इस वर्ष यह रकम करीब आधी बैठेगी क्योंकि तेल की कीमतें 6 वर्ष में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं।
 
अभियान में तेजी लाई जाएगी
 
अखिल भारतीय एल.पी.जी. डिस्ट्रीब्यूटर संघ के महासचिव चंद्र प्रकाश के मुताबिक वित्त मंत्रालय की सलाह पर एक स्वैच्छिक घोषणा पत्र जल्द आने वाला है जो जल्द गैस विक्रेताओं के जरिए ग्राहकों तक पहुंचाया जाएगा। इसमें आय संबंधी जानकारी मांगी जाएगी और इसके बाद सबसिडी छोडऩे की अपील भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि 15 फरवरी तक यह पत्र आएगा जिसके बाद सबसिडी छोडऩे के अपील अभियान में तेजी लाई जाएगी।
 

 

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