रूई कीमतों में फिलहाल बड़ी तेजी की सम्भावना कम

Monday, Oct 30, 2017 - 10:39 AM (IST)

पंजाब: देश के उत्तर क्षेत्रीय कपास उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान की मंडियों में अब तक लगभग 9,77,000 गांठ रूई की पहुंची हैं, जिनमें पंजाब में 1,91,000 गांठ, हरियाणा 4,65,000 गांठ, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ सर्कल 1,13,000 तथा लोअर राजस्थान में 2,08,000 गांठ शामिल हैं। यह जानकारी रूई कारोबारी सूत्रों ने जैतो में दी।

100 से 150 रुपए मन बन सकती है तेजी 
सूत्रों के अनुसार चालू कपास सत्र के शुरूआत में रूई कीमतों को लेकर तेजी का रुख बनने की सम्भावना थी लेकिन हुआ इसके विपरीत। जाने-माने रूई कारोबारी मुनीष गोयल हिसार ने नए सत्र की रूई 4211 रुपए प्रति मन सितम्बर माह डिलीवरी का सबसे पहले मुहूर्त किया था। अधिकांश कपास जिनरों विशेषकर रूई तेजडिय़ों का मानना था कि नई रूई का भाव 4211 रुपए मन नीचे निकला है और सितम्बर के दौरान लगभग सभी स्पिनिंग मिलों की मांग बाजार में आएगी जिससे रूई भाव में 100 से 150 रुपए मन तेजी बन सकती है।

शनिवार रूई का व्यापार 3891 रुपए मन रहा
तेजडिय़ों के सपनों पर ऐसा पानी फिरा कि सपने गंगा में बह गए और अब तक फिर से 4211 रुपए मन भाव नहीं बने। गत सप्ताह रूई के भाव पंजाब 3775-3790 रुपए मन, हरियाणा 3810-3825 रुपए मन, हनुमानगढ़ सर्कल 3750-3780 रुपए मन थे लेकिन इस सप्ताह 4 दिन रूई में तेजी का रुख बना रहा और रूई ने हरियाणा स्थित उचाना मंडी में 3911 रुपए मन कारोबार दर्ज किया जो सर्वाधिक ऊंचा भाव रहा। इसके बाद रूई ने नीचे उतरना शुरू किया और शनिवार रूई का व्यापार 3891 रुपए मन रहा।

मंडियों में कपास की आमद कमजोर 
सूत्रों के अनुसार अधिकांश स्पिनिंग मिलों की मांग धीमी गति से चलने के कारण बाजार में रूई कीमतों को लेकर फिलहाल तेजी बनती नजर नहीं आ रही है। दूसरी ओर रूई तेजडिय़ों का मानना है कि मंडियों में कपास की आमद कमजोर पड़ गई है जिससे तेजी बनेगी। सूत्रों के अनुसार मंडियों में कपास की आमद कमजोर पडऩे के बावजूद रूई कीमतें गिरने लगी हैं।  कहा जाता है कि खाली कोठों में भी मंदी आ जाती है।

हरियाणा में दो नम्बर में बिक रही है कपास 
इस बीच सिरसा कॉटन जिनर्स एसोसिएशन के प्रधान गुरचरण गर्ग ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व चीफ एडमिनिस्ट्रेटर (सी.ए.) मार्कीटिंग बोर्ड हरियाणा को लिखित शिकायत भेजी है कि हरियाणा में कपास दो नम्बर में बिक रही है जिसको रोका जाए। प्रधान गुरचरण गर्ग ने कहा कि कपास फैक्टरियों के बिलों की मार्कीट कमेटी जांच करे तो इससे स्पष्टï हो जाएगा कि किन-किन कपास फैक्टरियों ने बड़े स्तर पर मार्कीट फीस व सेल्ज टैक्स की चोरी की है। कॉटन जिनर्स एसोसिएशन सिरसा के प्रधान गुरचरण गर्ग का कहना है कि हरियाणा में जिन कताई मिलों के पास रूई गांठों के बिलों के साथ मार्कीट कमेटी ऑनलाइन गेट पास नहीं लगा हो वह बिल जाली होता है। कताई मिलों को रूई गांठों के बिलों के साथ मार्कीट कमेटी ऑन लाइन गेट पास लेना जरूरी है।

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