ग्राहकों की मंजूरी के बगैर कर्ज वितरण ‘तकनीकी खामी’ की वजह से, समिति जवाबदेही तय करेगी: इंडसइंड बैंक

Wednesday, Mar 09, 2022 - 01:06 PM (IST)

नई दिल्लीः इंडसइंड बैंक ने कहा है कि कोविड-19 का प्रकोप रहने के दौरान उसकी अनुषंगी द्वारा माइक्रो फाइनेंस ऋण का वितरण किया जाना 'तकनीकी खामी' की वजह से हुआ था और यह तथ्य ऑडिट कंपनी डेलॉयट की जांच में सामने आया है। बैंक ने अपने कर्मचारियों की जवाबदेही का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन भी किया है। इंडसइंड बैंक ने मंगलवार देर रात को शेयर बाजार को यह जानकारी दी।

यह मामला इंडसइंड बैंक की अनुषंगी भारत फाइनेंशियल इन्क्लुजन लिमिटेड (बीएफआईएल) द्वारा मार्च 2020 से अक्टूबर 2021 के बीच ग्राहकों की मंजूरी लिए बगैर उन्हें माइक्रो फाइनेंस कर्ज के वितरण के आरोपों से जुड़ा है। शिकायत मिलने पर बैंक ने तुरंत ही आंतरिक ऑडिट, आईटी ऑडिट करवाने जैसे कदम उठाए। इसके बाद उसने स्वतंत्र समीक्षा का जिम्मा डेलॉयट टचे तोहमात्सु इंडिया एलएलपी (डेलॉयट) को सौंपा।

बैंक ने कहा कि डेलॉयट ने सात मार्च 2022 को अंतिम रिपोर्ट सौंपी और इस रिपोर्ट के निष्कर्षों और आकलन के आधार पर बैंक के निदेशक मंडल ने पाया कि ग्राहकों की मंजूरी के बगैर कर्ज वितरण तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुआ था।

jyoti choudhary

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