कृषि कर्ज माफी से शराब कम्पनियों को लग सकता है बड़ा झटका!

Saturday, Jan 05, 2019 - 10:29 AM (IST)

नई दिल्ली: कृषि कर्ज माफी को लेकर देश में राजनीतिक दलों के बीच छिड़ी प्रतिस्पर्धा की कीमत शराब कम्पनियों को चुकानी पड़ सकती है। कर्ज माफी की वजह से पडऩे वाले आॢथक बोझ को कम करने के लिए राज्य सरकारें शराब पर टैक्स बढ़ाने की ताक में हैं। न्यूज एजैंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में एडलविस सिक्योरिटीज लिमिटेड की ओर से कहा गया है कि कृषि कर्ज माफी के बाद वित्तीय सुराख को भरने के लिए सरकारों को रैवेन्यू की जरूरत है और सरकारें इसके लिए टैक्स बढ़ाने की कोशिश में हैं।

टैक्स में वृद्धि का शराब की मांग पर असर होगा, क्योंकि कम्पनियां अतिरिक्त लेवी ग्राहकों से वसूलेंगी। कृषि कर्ज माफी अभी सभी राजनीतिक दलों के एजैंडे में है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने लोकसभा चुनाव से पहले कृषि संकट को कम करने की चुनौती है। भाजपा को हाल ही में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सत्ता गंवानी पड़ी है जिसमें कांग्रेस द्वारा किया गया कर्ज माफी का वादा अहम बताया जा रहा है।

एडलविस सिक्योरिटीज के विश्लेषक अबनीश रॉय और आलोक शाह ने 1 जनवरी को एक इन्वैस्टर नोट में लिखा कि शराब पर टैक्स बढ़ाना (जिससे करीब 25 प्रतिशत राजस्व आता है) सर्वाधिक संभावित विकल्प है क्योंकि राज्य सरकारें कर्ज लेकर अपना जी.डी.पी.-कर्ज अनुपात नहीं बिगाडऩा चाहेंगी। उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसा होता रहा है। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र ने मंगलवार से भारत में निर्मित शराब पर 20 प्रतिशत टैक्स बढ़ा दिया। 7 राज्यों ने करीब 1.75 लाख करोड़ रुपए के कर्ज माफी की घोषणा की है।

Isha

Advertising