2018 में जीवन बीमा उद्योग ने बनाया रिकार्ड, जीवन प्रीमियम 10 प्रतिशत बढ़ कर हुआ 4.6 लाख करोड़

Saturday, Jan 19, 2019 - 12:42 PM (IST)

बेंगलूर: वित्तीय वर्ष 2017-18 में भारत के जीवन बीमा उद्योग ने प्रीमियम में 4.6 लाख करोड़ रुपए की कलैक्शन कर एक ऊंचा रिकार्ड बनाया है, जो इससे पहले वाले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा है। यह बात बीमा रैगुलेटर इंश्योरैंस रैगुलेटर एंड डिवैल्पमैंट अथारिटी ऑफ इंडिया (आई.आर.डी.ए.आई.) ने अपनी वाॢषक रिपोर्ट में कही है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में इसी समयावधि में जीवन बीमा योगदान (जी.डी.पी. प्रतिशत के हिसाब से प्रीमियम) 2.5 प्रतिशत से बढ़ कर 2.8 प्रतिशत हो गया है। गत वित्तीय वर्ष में 23 निजी बीमा कम्पनियों की ओर से कारोबार में 19.2 प्रतिशत की बढ़ौतरी देखी गई जो इससे पिछले वित्तीय वर्ष के 17.4 प्रतिशत से अधिक है। हालांकि सरकारी स्वामित्व वाली बीमा कम्पनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एल.आई.सी.) की वृद्धि 12.8 से गिर कर 5.9 प्रतिशत रही।

परिणामस्वरूप एल.आई.सी. का मार्कीट शेयर 71.8 प्रतिशत से गिर कर 69.4 प्रतिशत पर आ गया, जबकि निजी क्षेत्र की बीमा कम्पनियों ने अपना मार्कीट शेयर 28.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 30.6 प्रतिशत कर लिया है। इस वर्ष निजी कम्पनियों के कुल प्रीमियम 1.4 लाख करोड़ की तुलना में एल.आई.सी. का कुल प्रीमियम 3.2 लाख करोड़ रुपए रहा। हालांकि एल.आई.सी. ने निजी कम्पनियों की तुलना में ज्यादा सस्ती पॉलिसियां बेच कर अपने मार्कीट शेयर की वृद्धि को बनाए रखा है।

वर्ष 2017-18 में एल.आई.सी. ने प्रीमियम रिन्यू करने से 1.8 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। सिंगल प्रीमियम पॉलिसी बेचने में एल.आई.सी. की कारगुजारी सराहनीय रही। नई पॉलिसियां बेच कर एल.आई.सी. ने 1.3 करोड़ रुपए जुटाए जबकि निजी कम्पनियों ने ज्यादा सिंगल पॉलिसियां बेचीं और 59,482 करोड़ रुपए एकत्रित किए। नए कारोबार प्रीमियम से संकेत मिलता है कि आगे चलकर सिंगल प्रीमियम उत्पाद एल.आई.सी. की कुल आमदन में 33.5 प्रतिशत का योगदान डालेंगे।

Isha

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