विदेशी मुद्रा भंडार से कई गुना ज्यादा हैं देनदारियां, RBI उठाएगा यह कदम

Tuesday, Sep 10, 2019 - 01:58 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक देश के विदेशी मुद्रा भंडार को जरुरी स्तर तक ले जाने की कोशिशों पर विचार कर रहा है। इस समय देश की देनदारियां हमारे विदेशी मुद्रा भंडार से काफी ज्यादा हैं, ऐसे में पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार होना देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरुरी है।

आरबीआई की एक अंतरिम कमेटी फिलहाल एक ऐसी प्रक्रिया बनाने पर विचार कर रही है, जिसकी मदद से आकलन किया जा सकेगा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है या नहीं। इसके लिए आरबीआई का पैनल अर्थव्यवस्था के विभिन्न खतरों का अध्ययन करेगा। इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क पर पूर्व आरबीआई गवर्नर बिमल जालान द्वारा बीते माह एक रिपोर्ट पेश की गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2008 में विदेशी मुद्रा भंडार हमारे बाहरी कर्जों के मुकाबले ज्यादा था, लेकिन अब साल 2019 में स्थिति पूरी तरह से बदल गई है।

बिमल जालान कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मौजूदा वक्त में, विदेशी मुद्रा भंडार (जो कि 400 बिलियन डॉलर से ज्यादा है), देश पर बाहरी देनदारियों (करीब 1 ट्रिलियन डॉलर), यहां तक कि बाहरी कर्ज (500 बिलियन डॉलर), से भी कम है। रिपोर्ट के अनुसार, देश के बाहरी खतरों का आकलन कर इस बात पर ध्यान दिए जाने की जरुरत है। संभव है कि आरबीआई को अपनी बैलेंस शीट, रिस्क और वांछित आर्थिक पूंजी के बदलावों से निपटने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोत्तरी करने की जरुरत होगी। 
 

Supreet Kaur

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