त्यौहारों से पहले महंगी हो सकती है एलईडी TV, वित्त मंत्रालय लगाएगा आयात शुल्क

Monday, Sep 21, 2020 - 11:37 AM (IST)

नई दिल्लीः टीवी के विनिर्माण में उपयोग होने वाले ओपन सेल के आयात पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क एक अक्टूबर से फिर लगाया जाएगा। एक साल की छूट अवधि समाप्त होने के बाद यह शुल्क लगाया जा रहा है। वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने यह जानकारी दी। 

सरकार ने पिछले साल टेलीविजन के महत्वपूर्ण उपकरण ओपन सेल पर एक साल के लिए यानी 30 सितंबर तक सीमा शुल्क से छूट दी थी। इसका कारण घरेलू उद्योग का क्षमता निर्माण के लिए समय मांगना था। वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि छूट की अवधि समाप्त होने के साथ ओपन सेल पर 5 प्रतिशत शुल्क एक अक्टूबर से लगाया जाएगा। सूत्र ने आगे कहा कि यह कदम टेलीविजन और उसके कल-पुर्जों के चरणबद्ध विनिर्माण योजना को आगे बढ़ाने तथा सभी उपकरणों के लिए आयात पर निर्भरता में कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण है। उसने कहा, ‘‘भारत में विनिर्माण हमेशा के लिए आयात के दम पर जारी नहीं रह सकता।'' 
 
पिछले साल तक 7,000 करोड़ रुपए मूल्य के टेलीविजन आयात किए गए थे। सरकार सीमा शुल्क ढांचे के जरिए टेलीविजन उद्योग की मदद कर रही है। दिसंबर 2017 से टेलीविजन के आयात पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया गया है। इतना ही नहीं इस साल जुलाई से टेलीविजन आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। टेलीविजन विनिर्माताओं को आयात से पूरी तरह से राहत दी जा रही है। टेलीविजन उद्योग की दलील है कि वह दबाव में है क्योंकि पूर्ण रूप से तैयार पैनल की कीमत 50 प्रतिशत बढ़ गई है और ओपन सेल पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क से टेलीविजन की कीमत करीब 4 प्रतिशत बढ़ेगी। उनका कहना है कि 32 इंच के टेलीविजन का दाम 600 रुपए और 42 इंच का दाम 1,200 से 1,500 रुपए बढ़ेगा। बड़े आकार के टेलीविजन के दाम में अधिक वृद्धि होगी। 

वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि प्रमुख ब्रांड 32 इंच टीवी के लिए 2,700 रुपए और 42 इंच के लिए 4,000 से 4,500 रुपए की मूल कीमत पर ओपन सेल आयात कर रहे हैं। एक सूत्र ने कहा कि ऐसे में अगर ओपन सेल पर 5 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है, यह 150 से 250 रुपए प्रति टेलीविजन से अधिक नहीं होगा। उसने कहा, ‘‘जबतक ओपन सेल का विनिर्माण घरेलू स्तर पर नहीं होता, विनिर्माण में सही मायने में तेजी नहीं आ सकती। उद्योग फिलहाल ज्यादातर कल-पुर्जे आयात कर टेलीविजन की एसेंबलिंग कर रहा है।'' टीवी विनिर्माता सालाना 7,500 करोड़ रुपए मूल्य के कल-पुर्जें आयात करते हैं। सूत्र ने कहा, ‘‘सीमा शुल्क लगाए जाने से घरेलू विनिर्माताओं को ओपन सेल जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों के विनिर्माण को लेकर प्रोत्साहन मिलेगा।''  

jyoti choudhary

Advertising