RERA का एक सालः मकान खरीदारों में जमीन-जायदाद कानून की जानकारी का अभाव

Tuesday, May 01, 2018 - 10:13 AM (IST)

नई दिल्लीः जमीन-जायदाद से जुड़े नए कानून रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून के बारे में मकान खरीदारों के बीच जानकारी का अभाव है। इनमें से 74 प्रतिशत को पता नहीं है कि बिल्डर की परियोजना के बारे में कैसे पता लगाया जा सकता है कि इसका पंजीकरण संबद्ध प्राधिकरण के पास हुआ है या नहीं। मकान, जमीन आदि के बारे में जानकारी देने वाली पोर्टल मैजिकब्रिक्स के एक सर्वे से यह पता चला है।

लोगों में रेरा की जानकारी का अभाव
रियल एस्टेट नियमन एवं विकास कानून (रेरा) पिछले साल मई में प्रभाव में आया। मैजिकब्रिक्स ने एक बयान में कहा, ‘‘क्रियान्वयन के एक साल बाद भी रेरा के बारे में लोगों में जानकारी कम है। मकान खरीदारों में 74 प्रतिशत को यह पता नहीं है कि वे कैसे पता लगाएं कि परियोजना कानून के तहत पंजीकृत है या नहीं। रियल्टी पोर्टल ने कहा कि 15 राज्यों को आनलाइन साइट विकसित करना बाकी है जहां डेवलपर अपनी परियोजनाओं को सूचीबद्ध कर सकते हैं और ग्राहक परियोजनाओं के बारे में सारी जानकारी ले सकते हैं। सभी राज्यों ने रेरा को अपनाया है और क्रियान्वयन के विभिन्न चरण में हैं। इसीलिए अगर रेरा पोर्टल काम नहीं कर रहा है, मकान खरीदार रेरा प्राधिकरण के पास परियोजना की स्थिति का पता लगा सकता है।

रेरा से शिकायतों में आई कमी
अगर निर्माणधीन परियोजना रेरा प्राधिकरण के पास पंजीकृत नहीं है, ग्राहक इस बारे में प्राधिकरण को शिकायत कर सकते हैं। प्राधिकरण उसके बाद यह सुनिश्चित करेगा कि परियोजना पंजीकृत हो। इस बीच रियल एस्टेट क्षेत्र के संगठन नारेडको ने कहा है कि रेरा अधिनियम 2016 के सभी प्रावधानों के लागू होने से इस क्षेत्र में पारर्दिशता और उत्तरदायित्व बढ़ा है और घर खरीदारों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है। रेरा की आवश्यकता इसलिए पड़ी, क्योंकि सालों से घर खरीदारों से लगातार शिकायतें आ रही थीं कि रियल एस्टेट में लेनदेन पक्षपातपूर्ण थे और ये मुख्य रूप से रियल एस्टेट डेवलपर्स के पक्ष में जाता है। ऐसे में रेरा ने बड़े पैमाने पर अधिक न्यायसंगत वातावरण बनाने और विशेष रूप से प्राथमिक बाजार में संपत्तियों के खरीदारों और खरीदारों के संबंध में लेनदेन की निष्पक्षता लाने का प्रयास किया।

रेरा को 1 साल पूरा
रेरा की पहली वर्षगांठ पर नारेडको के अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी एक बयान में कहा कि ‘‘निस्संदेह, रेरा भारतीय अचल संपत्ति के लिए एक बड़ा कदम है, लेकिन सभी राज्यों के मानदंडों का पालन करने और इसको अच्छी तरह से प्रभावी बनाने के लिए पूरी प्रक्रिया स्थापित करने में कुछ समय लगेगा ताकि रियल एस्टेट क्षेत्र में उपभोक्ताओं की सुरक्षा, पारर्दिशता और निष्पक्षता लाएगा। हीरानंदानी ने कहा कि कुछ राज्यों में काफी बड़ी संख्या में परियोजनाएं रेरा के तहत पंजीकृत करायी गयी हैंए हैं, रेरा प्राधिकरण कुशलता से काम कर रहा है और इसलिए रेरा को लेकर संभावनाएं काफी ‘अच्छी’ हैं।           

Supreet Kaur

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