पिछले 100 साल का सबसे बड़ा स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट है कोविड-19: RBI गवर्नर

Saturday, Jul 11, 2020 - 11:49 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 पिछले 100 साल का सबसे बड़ा स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट है। उन्होंने '7th SBI Banking and Economic Conclave' को संबोधित करते हुए यह बात कही। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रहे इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव को एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार एवं अन्य लोग संबोधित कर चुके हैं। 

दास ने कहा, ''कोविड-19 पिछले 100 साल का सबसे बड़ा आर्थिक एवं स्वास्थ्य से जुड़ा संकट है। इस वजह से उत्पादन, नौकरियों एवं स्वास्थ्य पर अभूतपूर्व नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। इस संकट ने पहले से मौजूद वैश्विक व्यवस्था, ग्लोबल वैल्यू चेन और दुनियाभर में लेबर एंड कैपिटल मुवमेंट को प्रभावित किया है।''

RBI ने उठाए कई तरह के कदम 
दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी हमारी आर्थिक एवं वित्तीय व्यवस्था की मजबूती एवं लचीलता को परखने के लिहाज से अबतक का सबसे बड़ा टेस्ट है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि संकट के इस काल में हमारी वित्तीय व्यवस्था को बचाने के लिए और अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए आरबीआई ने कई तरह के कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक आर्थिक वृद्धि आरबीआई की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिरता भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जोखिम को चिह्नित करने के लिए आरबीआई ने अपने निगरानी तंत्र को मजबूत बनाया है।

रेपो रेट में कुल 250 बेसिस प्वाइंट की होगी कटौती
फरवरी 2019 से लेकर अब तक हमने कुल मिलाकर रेपो रेट में करीब 135 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। वह मुख्य रूप से इसलिए किया गया ताकि ग्रोथ में आई गिरावट से निपटा जा सके। इसके बारे में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी रिजॉल्यूशन में भी कहा गया है। शक्तिकांत दास ने ये भी कहा कि कोरोना वायरस की आपदा ने लोगों की जान ली और उनकी जीवनशैली को भी प्रभावित किया।

उन्होंने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने फैसला किया कि भारतीय रिजर्व बैंक धीरे-धीरे अभी रेपो रेट में 115 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती करेगा। इस तरह से फरवरी 2019 से लेकर आने वाले समय में रेपो रेट में कुल कटौती 250 बेसिस प्वाइंट हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि देश के केंद्रीय बैंक ने कोरोनावायरस की वजह से उपजे संकट को देखते हुए कई तरह के उपाय किए हैं। देश की आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बैंक पिछले दो द्विमासिक बैठकों में रेपो रेट में कमी कर चुका है। इसके साथ ही सिस्टम में नकदी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी केंद्रीय बैंक ने कई तरह के कदम उठाए हैं। 

jyoti choudhary

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