जानिए कौन है 'विल्फुल डिफॉल्टर' यश बिड़ला, जिन पर SEBI ने लगाया प्रतिबंध

Wednesday, Oct 28, 2020 - 10:31 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने यश बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन यशोवर्धन बिड़ला पर दो साल के लिए पूंजी बाजार (Capital market) से लेनदेन करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। SEBI ने यह कार्रवाई यश पर साल 2011 में बिड़ला पेसिफिक मेडस्पा के आईपीओ द्वारा कलेक्ट किए गए धन और स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के लिए की है। SEBI ने इसी मामले में यश बिड़ला के अलावा अन्य कई लोगों पर भी प्रतिबंध लगाया है। इस महीने की शुरुआत में SEBI ने यह प्रतिबंध लगाया। इन लोगों पर यह रोक बिड़ला कोटसिन (इंडिया) लि. (बीसीआईएल) द्वारा वर्ष 2010 में ग्‍लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स (जीडीआर) जारी करने में की गई अनियमितता के कारण लगाई गई है।

क्या है आरोप
SEBI द्वारा जारी 61 पन्ने के एक आदेश में कहा गया कि बिड़ला मेड़स्पा के पूरे टाइम मेंबर रहे अन्नत बरुआ ने 2011 में 65 करोड़ की IPO दिखाई थी और यह शेयर उसी साल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किए गए थे। लिस्टिंग के थोड़े दिन बाद बिड़ला मेड़स्पा द्वारा फंड का एक बड़ा हिस्सा किसी संस्था को ट्रांसफर किया गया जिसने इसे GRD सिक्योरिटीज को ट्रांसफर कर दिया और इसी ब्रोकर ने कंपनी के स्टॉक लिस्टिंग के पहले दिन ही इसके शेयर को खरीद लिया था। इससे पता चलता है कि फंड ट्रांसफर को छुपाने के लिए इसे कई तरह से ट्रांसफर किया गया। 

कर्ज नहीं चुका पाए यश बिड़ला
बिड़ला परिवार भारत के मशहूर बिज़नेस परिवारों में से एक है। यशोवर्धन बिड़ला  मशहूर उद्योगपति अशोक बिड़ला के बेटे हैं जिनकी 1990 में एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस दुर्घटना में यश की मां और बहन की भी मौत हो गई थी। जिस समय यह दुर्घटना हुई उस वक्त यश करीब 23 साल के थे और अमरीका के नॉर्थ कैरोलाइना में एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे। पिता अशोक की मौत के बाद यश के कंधों पर 800 करोड़ रुपए के बिजनेस की ज़िम्मेदारी आ गई थी। यश बिड़ला की तुलना कई बार उनके रिश्तेदार, भारत के सबसे धनी लोगों में से एक और आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला से की जाती है। ऐसा पहली बार है कि बिड़ला परिवार के किसी व्यक्ति को 'विलफ़ुल डिफॉल्टर' या जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाला व्यक्ति घोषित किया गया है। यश बिड़ला पर आरोप है कि उनकी कंपनी बिड़ला सूर्या लिमिटेड को 67.65 करोड़ रुपए बैंक को लौटाने थे जो उन्होंने नहीं लौटाए। बैंक की तरफ से अखबारों में पब्लिक नोटिस दिया गया था जिसमें यश बिड़ला की तस्वीर भी छपी थी। विल्फ़ुल डिफॉल्टर घोषित करने का मतलब है कि यश बिड़ला कर्ज़ लौटा सकते हैं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यही नहीं उन्होंने जिस काम के लिए कर्ज लिया था, वहां उन्होंने उस पैसे का इस्तेमाल भी नहीं किया।

परदादा के बैंक ने यश को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया
जिस बैंक ने यशोवर्धन बिड़ला को  67.65 करोड़ रुपए नहीं चुकाने के लिए विलफुल डिफॉल्‍टर घोषित किया है उस यूको बैंक की स्थापना घनश्यामदास बिड़ला ने की थी. घनश्यामदास बिड़ला, यशोवर्धन बिड़ला के परदादा रामेश्वरदास बिड़ला के भाई थे, यानि कि यश के परदादा ही थे। बैंकों की राष्ट्रीयकरण की नीति के चलते 19 जुलाई 1969 को यूको बैंक भी सरकार का हिस्सा हो गया था। 

बॉडी बिल्डिंग के शौकीन यश
फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक़ आदित्य बिड़ला के पास 11.5 अरब डॉलर की संपत्ति है और उनके आदित्य बिड़ला ग्रुप की कुल आमदनी 44.3 अरब डॉलर है। यश को सबॉडी बिल्डिंग का काफी शौक है। उनके इंस्टाग्राम पेज ज्यादातर फोटो और स्टोरी बाइसेप्स, ट्राइसेप्स, एब्स से भरा पड़ा है। 2013-14 आते-आते यश का बिज़नेस बुरे दौर में पहुंच गया। जून 2013 में मनीलाइफ़ बेवसाइट पर एक लेख में जब यश से सवाल पूछा गया कि क्या यश बिड़ला ग्रुप कंपनियों की हालत ख़राब है? इस पर यश ने कहा था कि जब तक मुझे अपनी टीम मिली, तब तक आठ-नौ साल गुज़र चुके थे। यश बिड़ला ने बताया कि उनकी कंपनियों की धीमी रफ़्तार का कारण था कि उनका बिज़नेस उनके सलाहकार चलाते थे, और इन सलाहकारों को भेजने वाली थीं उनकी बड़ी आंट प्रियंवदा बिड़ला और बिड़ला ख़ानदान के दूसरे लोग जिन्हें बिज़नेस में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं थी।

Seema Sharma

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