जॉन्सन एंड जॉन्सन हारी 7वां केस, ग्राहक को देना होगा 760 करोड़ हर्जाना

punjabkesari.in Friday, Apr 13, 2018 - 12:05 PM (IST)

वॉशिंगटनः दुनिया भर में बेबी केयर मार्कीट में मशहूर जॉन्सन एंड जॉन्सन को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। जॉन्सन एंड जॉन्सन अपना 7वां केस भी हार गई है। एक अमेरिकी अदालत ने उसे ग्राहक को 760 करोड़ मुआवजा देने का आदेश दिया है। निचली कोर्ट ने 240 करोड़ रुपए मुआवजा तय किया था, जिसे इस कोर्ट ने करीब 3 गुना बढ़ाकर 760 करोड़ रुपए कर दिया। 

यह है मामला
न्यूजर्सी के 46 वर्षीय इन्वेस्टमेंट बैंकर स्टीफन लैंजो और उनकी पत्नी केंड्रा ने कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके प्रोडक्ट से उन्हें मेसोथेलियोमा हुआ है। दोनों ने कंपनी से मुआवजे की मांग की थी। दंपत्ति का कहना था कि कंपनी के पाउडर में एसबेस्टस होने की वजह से उन्हें मेसोथेलियोमा हुआ है। मेसोथेलियोमा एक तरह का कैंसर है जो ऊतक, फेफड़ों, पेट, दिल और अन्य अंगों को प्रभावित करता है। लैंजो ने यह भी कहा कि कंपनी को इस बारे में पता है फिर भी उन्होंने अपने प्रोडक्ट पर कोई चेतावनी नहीं दी है। 

अदालत ने नहीं सुनी कंपनी की कोई दलील
पाउडर में एसबेस्टस मिला होने के कारण मेसोथेलियोमा होने का यह पहला मामला है। लैंजो ने कहा कि वह 30 सालों से कंपनी का बेबी पाउडर इस्तेमाल कर रहे हैं जिस कारण उन्हें यह बीमारी हुई। जिसके बाद कंपनी ने अपनी दलील में कहा कि लैंजो जिस घर में रहते हैं उसके बेस्मेंट के पाइप में एसबेस्टस लगा है। कंपनी ने यह भी कहा कि लैंजो ने जिस स्कूल से पढ़ाई की वहां भी एसबेस्टस था लेकिन अदालत ने कंपनी की कोई दलील न सुनते हुए मुआवजे की रकम 4 गुना बढ़ा दी। रकम का 70 फीसदी जॉन्सन एंड जॉन्सन कंपनी देगी और बाकी का 30 फीसदी पाउडर सप्लाई करने वाली कंपनी इमेरीज टैल्क देगी। हालांकि दोनों ही कंपनियों ने कोर्ट के इस फैसले को चनौती देने की बात कही है।

2 सालों में कंपनी पर 5,950 करोड़ जुर्माना 
भारत की बात करें तो यहां बेबी केयर का मार्केट 93,000 करोड़ का है। जिसमें जॉन्सन एंड जॉन्सन कंपनी का हिस्सा 60 फीसदी है। वहीं कंपनी पर अमेरिका में अब तक बेबी पाउडर से बीमारी के 6,610 मामले दर्ज हैं यानि 2 सालों के अंतर्गत कंपनी को 5,950 करोड़ मुआवजा देने के आदेश दिए गए हैं। वहीं 2700 करोड़ के एक मामले में फैसला कंपनी के हक में आया है। बीते साल अगस्त में भी कंपनी को एक महिला को 475 करोड़ का मुआवजा देना पड़ा था। जिसमें महिला ने कंपनी प्रोडक्ट से ओवेरी कैंसर होने का दावा किया था। टैल्कम पाउडर से ओवेरी कैंसर का पहला मामला 1971 में सामने आया था।


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jyoti choudhary

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