Johnson & Johnson को झटका, 3 महीने में दूसरी बार हारी कंपनी

punjabkesari.in Thursday, May 05, 2016 - 08:19 AM (IST)

मुम्बई: बेबी केयर क्षेत्र की प्रमुख कम्पनी जॉनसन एंड जॉनसन (जे.एंड जे.) को अमरीकी न्यायालय ने आदेश दिया कि वह एक महिला को 5.5 करोड़ डालर (363 करोड़ रुपए) का भुगतान करे, जो कम्पनी के टैल्कम पाऊडर का इस्तेमाल करती थी और इस वजह से उसे गर्भाशय का कैंसर हो गया। कम्पनी की योजना हालांकि इस फैसले के खिलाफ अपील करने की है, जो 3 माह में इसकी दूसरी हार है। इस फर्म पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के लिए भी इसके निहितार्थ हैं।
 

भारतीय बेबी केयर उत्पाद के मामले में जॉनसन एंड जॉनसन भारत में अग्रणी है और उद्योग के अनुमान के मुताबिक बाजार में इसकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा है। वैश्विक एजैंसी रिसर्च एंड मार्कीट्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बेबी केयर का बाजार 14 अरब डालर (92,400 करोड़ रुपए) का है और यह  वर्ष 2019 तक 30 अरब डालर यानी 1.98 लाख करोड़ रुपए को छू सकता है। इन उत्पादों में बेबी डॉयपर से लेकर टैल्कम पाऊडर, क्रीम, साबुन व लोशन आदि शामिल हैं।

फरवरी 2016 में भी ऐसे ही मामले में मिली थी हार
यहां यह बताना महत्वपूर्ण है कि फरवरी 2016 में भी जे. एंड जे. को  हार मिली थी, जब उसे अमरीका की एक महिला को 475 करोड़ रुपए देने का आदेश दिया गया था, जो कैंसर से मर गई थी। वहीं इसी पर संज्ञान लेते हुए भारतीय नियामक एफ.डी.ए. ने मुलुंड में कम्पनी की फैक्टरी की जांच की थी।

क्या है मामला?
-2016: जे. एंड जे. अदालत में 2 बार मुकद्दमा हारी जिसके चलते कम्पनी को 7.2 करोड़ डालर और 5.5 करोड़ डालर जुर्माना लगाया गया। उपभोक्ताओं ने कई वर्षों से टैल्कम पाऊडर इस्तेमाल करने के चलते कैंसर होने का दावा किया था। इस दौरान एक की मौत भी हो गई थी।

-2013: कम्पनी पर डाक्टरों को रिश्वत देने, उत्पादों का बहुत अधिक प्रचार करने के चलते आपराधिक और नागरिक देनदारियों के तहत 2.2 अरब डालर का जुर्माना लगाया गया था।

-2012: कम्पनी ने एविनो बेबी लोशन के नमूनों में बैक्टीरिया के अत्यधिक स्तर पाए जाने के चलते 2000 ट्ïयूब्स को बाजार से लिया था वापस।

-2012: कम्पनी ने मिर्गी की दवा टोपामैक्स की 57,000 बॉटलों को दुर्गंध के चलते बाजार से लिया था वापस।

-2011: इन्सुलिन पम्प कार्टरेज की 5 खेपों को संभावित संक्रमण के चलते लिया गया वापस।


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