नई प्रौद्योगिकी से वैश्विक स्तर पर 18 करोड़ महिलाओं की नौकरियां खतरे मेंः IMF

Tuesday, Oct 09, 2018 - 02:31 PM (IST)

वाशिंगटनः अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को चेतावनी दी स्वचालन जैसी नई प्रौद्योगिकियों से वैश्विक स्तर पर महिलाओं से जुड़ी लगभग 18 करोड़ नौकरियां जोखिम में हैं। आईएमएफ ने दुनियाभर के नेताओं से गुजारिश की वह महिलाओं को जरूरी कौशल प्रदान करें। ऊंचे पदों पर लैंगिक अंतर को कम करें, साथ ही कामगारों के लिए डिजिटल अंतर को पाटने के लिए भी काम करें।

आईएमएफ और विश्वबैंक की बाली में सालाना बैठक के दौरान जारी एक नोट में कहा गया है कि 30 देशों के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार बड़े पैमाने पर महिलाओं की नौकरियां जाने का अनुमान है। इन 30 देशों में आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन के 28 देश और साइप्रस एवं सिंगापुर शामिल हैं। नोट में कहा गया है कि नई प्रौद्योगिकी मांग को कम कर सकती है। इससे महिलाओं को रोजमर्रा के कार्यों के लिए कम पारिश्रमिक मिल सकता है जो श्रम बाजार में उनकी भागीदारी कम करने के दिनों को लौटा देगा।

आईएमएफ का विश्लेषण प्रौद्योगिकी की मौजूदा स्थिति पर आधारित है। इसके परिणाम दिखाते हैं कि अगले दो दशकों में नई तकनीक की वजह से इन 30 देशों के कुल 5.4 करोड़ श्रमिकों में 10 फीसदी महिला और पुरुष श्रमिकों की नौकरी पर सबसे ज्यादा खतरा बना रहेगा। इसमें भी स्वचालन की वजह से महिलाओं कामगारों यानी 11 फीसदी की नौकरियों पर ज्यादा खतरा है। जबकि पुरुषों में यह स्तर 9 फीसदी है। इससे इन देशों में 2.6 करोड़ महिलाओं की नौकरी जाने का खतरा है। इसके अलावा कम पढ़ी-लिखी या 40 की उम्र पार कर चुकी ऐसी उम्रदराज महिलाएं जो लिपिकीय कार्य, सेवा क्षेत्र या बिक्री के काम में लगी हैं, स्वचालन से उनकी नौकरी भी जा सकती है। आईएमएफ ने कहा कि उसके विश्लेषण के आंकड़े बताते हैं कि स्वचालन जैसी नई तकनीकों से दुनियाभर में करीब 18 करोड़ महिलाओं की नौकरियां जोखिम में हैं। 

Supreet Kaur

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