सस्ता होने पर गोल्ड का स्टॉक बढ़ा रहे हैं ज्यूलर्स !

Thursday, Mar 07, 2019 - 11:20 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः गोल्ड मार्कीट लगभग एक पखवाड़ा सुस्ताने के बाद चुस्त दिख रही है। सोने के दाम में 20 फरवरी के बाद 4.17 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके चलते ज्यूलर्स सोने का स्टॉक बढ़ाने में जुट गए हैं। बिजनैस-टू-बिजनैस लैवल पर पिछले हफ्ते चल रहा 2-3 डॉलर प्रति औंस का डिस्काऊंट खत्म हो गया है। यह गोल्ड मार्कीट में तेजी आने का संकेत है। 

बुलियन फर्म ऋद्धिसिद्धि बुलियन के डायरैक्टर मुकेश कोठारी कहते हैं कि लगभग 15 दिन बाद बाजार में कुछ हलचल दिख रही है। रुपए में भी काफी मजबूती आई है जिससे सोने के भाव में तेजी को सपोर्ट मिल रहा है। लोगों ने अर्से बाद सोने के गहनों की खरीदारी शुरू की है।  ग्लोब कैपिटल मार्कीट के वाइस प्रैजीडैंट (रिसर्च) हिमांशु गुप्ता ने कहा कि इस हफ्ते के अंत तक सोने के दाम में गिरावट आ सकती है। भाव में गिरावट आने के 3 बड़े कारण हैं। पहला बड़े पैमाने पर प्रॉफिट बुकिंग हो रही है। दूसरा ऐसा लगता है कि व्यापारिक मामलों में अमरीका और चीन के बीच हो रही बातचीत बाजार के लिए पॉजीटिव है। तीसरा अमरीकी इकोनॉमी के डाटा खराब नहीं रहे हैं।

सोने के भाव पर बढ़ सकता है दबाव 
एच.डी.एफ.सी. सिक्योरिटीज के मुताबिक डॉलर इंडैक्स में मजबूती और अमरीकी बांड्स की यील्ड में बढ़ौतरी के चलते इस हफ्ते सोने के भाव पर दबाव बढ़ सकता है। बाजार की नजरें शुक्रवार को आने वाले अमरीकी नॉन फार्म पैरोल डाटा पर होंगी। सिल्वर के दाम में बदलाव सोने के भाव के हिसाब से होता है। इंटरनैशनल स्पॉट मार्कीट में सिल्वर का दाम 15 डॉलर प्रति औंस चल रहा है। इसमें कमजोरी की वजह चीन की ग्रोथ पर दबाव की ङ्क्षचता से बेस मैटल में गिरावट आना और पैलेडियम का धराशायी होना है।

ई.टी.एफ . में लगातार चौथे सप्ताह कमजोरी का रुझान
33 अरब डॉलर के एस.पी.डी.आर. गोल्ड शेयर्स ई.टी.एफ . में शुक्रवार को 49.6 करोड़ डॉलर की बिक्री हुई थी, जो फरवरी 2018 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी सेङ्क्षलग थी। इससे पिछले 5 दिन में फंड में हुई बिक्री लगभग 72 करोड़ डॉलर तक पहुंच गई। इस तरह पिछले हफ्ते एस.पी.डी.आर. गोल्ड शेयर्स ई.टी.एफ . में लगातार चौथे सप्ताह कमजोरी का रुझान रहा।

सोने की चमक पड़ सकती है फीकी 
 एनालिस्टों का कहना है कि साल की शुरूआत में सोने में काफी पैसा लगाया गया था। उनके मुताबिक इन्वैस्टर्स टैरिफ  में क्लैरिटी आने का इंतजार कर रहे थे। अब जबकि टैरिफ  के मोर्चे पर उम्मीद की किरण नजर आ रही है, ऐसे में मुमकिन है कि कुछ समय के लिए ही सही सेफ  हैवेन के तौर पर सोने की चमक फीकी पड़ सकती है। जहां तक इंटरनैशनल मार्कीट की बात है तो इन्वैस्टर्स दुनिया के सबसे गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड से कैश निकाल रहे हैं। उनकी सेङ्क्षलग की रफ्तार पिछले 3 साल में सबसे ज्यादा है क्योंकि ट्रेड से जुड़े टैंशन बायर्स को सेफ  हैवेंस एसैट्स से निकलने पर मजबूर कर रहा है।

Isha

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