ज्वेलरी हॉलमार्किंगः छोटे ज्वेलर्स को बाहर रखे जाने की मांग

Saturday, Dec 16, 2017 - 03:42 PM (IST)

नई दिल्लीः उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने हॉलमार्किंग को जरूरी बनाने को लेकर सख्त संदेश दिया है। मंत्रालय ने ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेडर्स फेडरेशन की मांगों को खरिज कर दिया है। ज्वेलरी खरीदते समय आपके साथ किसी भी तरह की धोखाधडी ना हों उसके लिए सरकार अगले साल से हॉलमार्किंग को जरूरी करने जा रही है। ऐसे में ज्वेलर्स एसोशिएशन ने अपनी मांगों की नई लिस्ट उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सामने रखी है। इसमें हॉलमार्किंग को जरूरी बनाने के नियम से छोटे ज्वेलर्स को बाहर रखे जाने की मांग की गई है। हॉलमार्किंग को जरूरी बनाने की बजाय सेल्फ रेगुलेशन लागू किए जाने की मांग की गई। इसके अलावा हॉलमार्किंग के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया की बजाय सिंगल फी रजिस्ट्रेशन रखे जाने की बात प्रमुख है।

ज्वेलर्स एसोसिएशन का कहना है कि देश के गांवों और छोटे शहरों में करीब 6 लाख छोटे ज्वेलर्स हैं जो गहने बनाने और बेचने का काम करते हैं लेकिन गहनों की शुद्धता की जांच के लिए देश में सिर्फ 500 हॉलमार्किंग सेंटर ही हैं। ऐसे में इनके गहनों की जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। जिससे छोटे कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

सूत्रों की माने तो ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेडर्स फेडरेशन बीआईएस के तय मानक जैसे 14, 18 और 22 कैरेट को भी हटाने की मांग कर रहा है। लेकिन सरकार इन मांगों को मानने के लिए कतई तैयार नहीं है। इस मुद्दे पर जब हमने सरकार से राय मांगी तो सूत्रों के मुताबिक ज्वैलर्स की सभी मांगों को मानना मुश्किल है। लेकिन छोटे कारोबारियों की परेशानी को देखते हुए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है।


 

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