जेट एयरवेज के हालात नहीं है खस्ता, कंपनी ने खबरों को किया खारिज

Saturday, Aug 04, 2018 - 12:20 PM (IST)

नई दिल्लीः वेतन कटौती और विभिन्न विभागों में नौकरियों में कटौती की संभावनाओं को लेकर जेट एयरवेज के पायलट और प्रबंधन के बीच विवाद जारी है। जेट एयरवेज ने कर्मचारियों से कहा है उसके लिए कंपनी को दो महीने से ज्यादा चला पाना मुमकिन नहीं है। पायलट समुदाय में मौजूद सूत्रों ने यह जानकारी दी। 

कंपनी ने दिया बयान
हालांकि कंपनी के मालिक विजय गोयल ने इन रिपोर्ट्स को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने एक लिखित बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि मीडिया में कंपनी की वित्तीय हालत की खबरें सफेद झूठ है। 

वहीं कंपनी ने हिस्सेदारी की बिक्री से संबंधित किसी के साथ बातचीत से भी इंकार करती है। बता दें कि इससे पहले खबरें आई थीं कि कंपनी ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने का फैसला लिया है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वो कॉस्ट कटिंग करने के 60 दिनों बाद फिर से समीक्षा करेंगे और इसकी जानकारी देंगे, कि क्या कंपनी आगे भविष्य में चल पाएगी या फिर नहीं। 

कर्मचारी दे सकते हैं इस्तीफा
कंपनी ने अपने कर्मचारियों से खासतौर पर पायलटों से कह दिया है कि वो चाहे तो इस्तीफा दे सकते हैं। उन्हें इस्तीफा देने के बाद नोटिस पीरियड या फिर बॉन्ड भी नहीं भरना पड़ेगा। इसके साथ ही कंपनी ने अपने काफी इंजीनियर्स को निकालने का फरमान जारी कर दिया है। इसके बाद केबिन क्रू और ग्राउंड स्टाफ में भी कर्मचारियों की संख्या में कटौती की जाएगी।

नहीं मिलेगा सैलरी कटने पर रिफंड 
कंपनी ने साफ कर दिया है कि सैलरी कटने के बाद किसी तरह का कोई रिफंड आगे नहीं मिलेगा। अभी अधिकारियों को सात साल का बॉन्ड या फिर एक करोड़ रुपये और पायलटों को एक साल का नोटिस पीरियड देना होता है। 

इस वजह से खराब हुई हालत
कंपनी के प्रबंधन ने कर्मचारियों से कहा कि हवाई ईंधन के दामों में बढ़ोतरी और इंडिगो द्वारा ज्यादा मार्केट शेयर हासिल करने से उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। 2016 और 2017 में जहां कंपनी ने लाभ अर्जित किया था, वहीं 2018 के वित्त वर्ष में उसे 767 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घाटा बढ़कर के एक हजार करोड़ रुपये के पार जा सकता है।

jyoti choudhary

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