जेट एयरवेज के CFO के बाद अब CEO विनय दुबे ने भी इस्तीफा दिया
Tuesday, May 14, 2019 - 08:35 PM (IST)
मुंबईः आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज में उच्च स्तर के अधिकारियों के इस्तीफे का सिलसिला जारी है। जेट एयरवेज ने आज जानकारी दी कि 'व्यक्तिगत कारणों' से चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर विनय दुबे ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी सूचना में जेट एयरवेज ने कहा है, 'हम आपको सूचित करना चाहत हैं कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर विनय दुबे ने व्यक्तिगत कारणों से कंपनी से तत्काल प्रभाव से 14 मई 2019 को इस्तीफा दे दिया है।'
Jet Airways Chief Executive Officer Vinay Dube has resigned from the services of the Company with immediate effect citing personal reasons pic.twitter.com/akWgWNrLII
— ANI (@ANI) May 14, 2019
इससे पहले जेट एयरवेज के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर और डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अमित अग्रवाल ने सोमवार को इस्तीफा दिया था। एयरलाइन ने कहा था कि अग्रवाल ने भी व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है।
विनय दुबे ने अगस्त 2017 में जेट एयरवेज ज्वाइन किया था। इससे पहले वह डेल्टा एयरलाइन इंक, सब्रे इंक और अमेरिकन एयरलाइंस में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। जेट एयरवेज से पहले वह डेल्टा एयरलाइंस के एशिया पैसिफिक क्षेत्र के वाइस प्रसिडेंट थे।
एतिहाद ने कहा है कि वह जेट में 1700 करोड़ रुपए का निवेश कर सकती है। एतिहाद ने जेट की उधारी चुकाने के बारे में कोई वादा नहीं किया है। पिछले शुक्रवार को जेट के लिए बोली लगाने की समयसीमा खत्म हो गई और तब तक सिर्फ एतिहाद ने ही बोली लगाई थी। उसने डेडलाइन खत्म होने से कुछ मिनट पहले ही बोली सौंपी थी। उसके अलावा जेट की खातिर नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ), टीपीजी कैपिटल और इंडिगो पार्टनर्स को चुना गया है।
जेट को अभी कम से कम 15,000 करोड़ के निवेश की जरूरत है। जेट एयरवेज को बैंकों ने भी मदद देने से हाथ खड़े कर दिए थे। जेट को कर्ज देने वाले बैंकों में से एक के अधिकारी ने बताया कि अगर यह तफ्तीश मुकम्मल जांच में बदलती है तो किसी वनटाइम डेट सेटलमेंट की संभावना खत्म हो सकती है या उसमें देरी हो सकती है। जेट पर कुल 8,500 करोड़ का कर्ज है।
जेट के शेयर में 13% गिरावट
बीएसई पर शेयर मंगलवार को 12.44% गिरकर 122.10 रुपए पर आ गया। एनएसई पर शेयर 13% लुढ़ककर 121 रुपए तक फिसल गया। हालांकि निचले स्तरों से कुछ रिकवरी हो गई।
आर्थिक संकट में फंसी जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अस्थाई रूप से संचालन बंद कर दिया था। एयरलाइन की 75% हिस्सेदारी बेचने के लिए इसके कर्जदाता बैंकों ने बोलियां मांगी थीं। अंतिम बोली सिर्फ एतिहाद ने जमा की। लेकिन वह भी बड़ी हिस्सेदारी नहीं लेना चाहती है। उसके पास जेट के 24% शेयर पहले से हैं।