ड्रैगन के लिए बुरी खबर, चीन छोड़कर भारत आने वाली कंपनियों को सब्सिडी देगा जापान

Saturday, Sep 05, 2020 - 11:32 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत से दुश्मनी मोल लेना चीन को काफी भारी पड़ रहा है। हर दिन उसे कोई न कोई झटका लग रहा है। भारत के बाद अब जापानी सरकार ने ड्रैगन को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जापान ने कहा है कि अगर कोई जापानी कंपनी चीन को छोड़कर भारत में आकर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाती है तो उसे जापान की सरकार वित्तीय मदद (Subsidy) देगी। जापान सप्लाई चेन या कच्चे माल के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है, इसलिए जापान सरकार ने ऐसा फैसला किया है। जापान चीन के बजाय आसियान देशों में अपने सामान तैयार करेगा। साथ ही जापान ने भारत और बांग्लादेश को भी इस सूची में शामिल किया है, जहां जापानी कंपनियां अपने उत्पाद तैयार कर सकती हैं। जापान के इस फैसले से दोनों देशों को लाभ होगा।

सब्सिडी के लिए 1,615 करोड़ रु किए आवंटित
जापान सरकार ने कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी के रूप में अपने 2020 के पूरक बजट में 221 मिलियन डॉलर (1,615 करोड़ रुपए) आवंटित किए हैं जो कंपनियां, चीन से बाहर भारत में और आसियान क्षेत्र में अपनी कंपनी स्थानांतरित करेगी उसे इस सब्लिडी का लाभ मिलेगा। दरअसल सब्सिडी कार्यक्रम के दायरे का विस्तार करके, जापान का लक्ष्य चीन पर अपनी निर्भरता को कम करना है और आपातकाल के दौरान भी चिकित्सा या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की स्थिर आपूर्ति के लिए एक प्रणाली का निर्माण करना है।

चीन के बजाय आसियान देशों में तैयार करेगा सामान
जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय (एमईटीआई) ने कहा है कि वह उन जापानी निर्माताओं को सब्सिडी देगा जो चीन के बजाय आसियान देशों में अपने सामान को तैयार करेंगे। मंत्रालय ने आसियान देशों में भारत और बांग्लादेश को शामिल किया है। बता दें कि जून में जापान की सरकार ने यह घोषणा की थी कि जापानी कंपनी चीन छोड़कर जापान में शिफ्ट करती है तो उसे वित्तीय मदद मिलेगी। चीन छोड़कर जापान शिफ्ट करने वाली 30 कंपनियां इस वित्तीय मदद के लिए चयनित हुई हैं लेकिन अब जापान की सरकार ने इस दायरे को बढ़ा दिया है।

3 सितंबर से जापानी कंपनियां कर सकेंगी आवेदन
जापान चाहता है कि विभिन्न देशों में जापानी कंपनियों की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट हो ताकि संकट के समय भी जापान को दवा और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट की आपूर्ति होती रहे। जापान के अखबार में छपी खबर के मुताबिक, 3 सितंबर से इस प्रकार की प्रोत्साहन मदद लेने की इच्छुक जापानी कंपनियां आवेदन कर सकेंगी।

थाईलैंड भी दे चुका है झटका
इससे पहले थाईलैंड बीजिंग को जोर का झटका दे चुका है। थाई सरकार ने पहले पनडुब्बी सौदा निलंबित किया फिर क्रा कैनाल परियोजना को रद्द करने की बात कही, जिस पर चीन लंबे समय से नजरें जमाए बैठा था। भारत के साथ हालिया विवाद के मद्देनजर दुनियाभर में चीन के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है। नई दिल्ली ने जहां डिजिटल स्ट्राइक करते हुए ड्रैगन के 100 से ज्यादा ऐप प्रतिबंधित किए हैं, वहीं की अन्य देश भी बीजिंग के खिलाफ आगे आए हैं। इस कड़ी में अब जापान का नाम भी जुड़ गया है।

jyoti choudhary

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