PNB घोटाले पर जेतली बोले, तीसरी आंख खोलें रेग्युलेटरी

Saturday, Feb 24, 2018 - 04:17 PM (IST)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेतली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की संभावना से इनकार किया है। पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) में सामने आए 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले के संदर्भ में वित्त मंत्री ने यह बात कही। साथ ही घोटालेबाजों के साथ कर्मचारियों की सांठगाठ पर चिंता व्यक्त करते हुए जेतली ने कहा कि  रेग्युलेटरी को धोखाधड़ी को रोकने के लिए तीसरी आंख खुली होगी।

सरकारी बैंकों के निजीकरण से इनकार
इकनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए जेतली ने कहा कि पी.एन.बी. घोटाले के बाद काफी लोगों ने निजीकरण की बात शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, "इसके लिए बड़ी राजनीतिक सहमति की जरूरत है। साथ ही बैंकिंग नियमन कानून का भी संशोधन करना पड़ेगा। मुझे लगता है कि भारत में राजनीतिक रूप से इस विचार के पक्ष में समर्थन नहीं जुटाया जा सकता। यह काफी चुनौतीपूर्ण फैसला होगा।"

राजनेता लोग जवाबदेह हैं पर नियामक नहीं
जेतली ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में हम राजनेता लोग जवाबदेह हैं पर नियामक नहीं।’’ ये घोटाले बताते हैं कि नियमों में जहां कमी है उसे सख्त किया जाना चाहिए।  उन्होंने कहा, ‘‘मैं सोचता हूं कि जब मैं व्यवहार में नैतिकता की बात करता हूं, मुझे लगता है कि यह भारत में गंभीर समस्या है। कारोबार जगत को सरकार ने क्या किया यह पूछते रहने के बजाय अपने भीतर भी देखना चाहिए।’’  गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) और संकटग्रस्त ऋण के बढ़ते दबाव के बारे में जेतली ने पूछा, इनमें से कितने कारोबार के असफल होने के कारण हैं और कितने कंपनियों के हेर-फेर के कारण? उन्होंने कहा, ‘‘जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने के मामले कारोबार की असफलता से कहीं अधिक है।’’  

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