जैक मा की वापसी से भी शेयर बाजार में नहीं लौटी रौनक

punjabkesari.in Friday, Jan 29, 2021 - 01:11 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः दुनियाभर में जैक मा को लेकर अफवाहों का बाज़ार गर्म होना और फिर साढ़े तीन महीने के बाद जैक मा का अचानक टेलीविजन पर अवतरित होना और ग्रामीण शिक्षकों को संदेश देना किसी चीनी ड्रामे से कम नहींहै। अपने पचास सेकेंड के छोटे से भाषण में जैक मा ने चीन के गांवों में पढ़ाने वाले एक सौ अध्यापकों को संबोधित किया था, इस दौरान जैक ऊर्जावान नजर नहीं आ रहे थे जैसा कि वे अक्सर नज़र आते हैं, इस दौरान उन्होंने ये भी नहीं बताया कि वो इस समय कहां हैं। हालांकि ये बात हम सभी अच्छी तरह से जानती है कि चीन सरकार की आर्थिक नीतियों और बैंकिंक तंत्र की बुराई करने के कारण ही जैक मा पर सीपीसी ने गाज गिराई थी और ये बात चीन की सरकार और सीपीसी को अच्छी नहीं लगी थी। अक्टूबर में दिए उस भाषण के चलते ही जैक मा गायब हो गए थे लेकिन इस बात को लेकर दुनियाभर में चीन की भद्द पिटने लगी तब जा कर चीन को अपनी गलती का एहसास हुआ। काफी सोच-विचार के बाद जैक मा को नजरबंदी से बाहर लाया गया।

जैसे ही जैक मा ने चीन सरकार की आर्थिक नीतियों और बैंक की नीतियों की आलोचना करना शुरु किया चीन सरकार ने भी जैक मा को सबक सिखाने की ठान ली और पिछले वर्ष नवंबर में अलीबाबा की आर्थिक शाखा ऐंट समूह के साढ़े 34 अरब के आईपीओ पर रोक लगा दी, अगर ऐंट समूह का आईपीओ बाजार में उतरता तो वो दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ होता लेकिन चीन सरकार ने जैक मा की बांह मरोड़ दी और जैक मा को उनकी हैसियत बता दी कि चीन में सीपीसी से बड़ा और कोई नहीं है फिर चाहे वो बहुत बड़ा बिज़नेस टाईकून ही क्यों न हो। इस घटना के बाद अलीबाबा की 140 अरब डॉलर के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई क्योंकि सरकार के साथ विरोध के चलते निवेशकों का विश्वास अलीबाबा पर से खत्म हो गया। इसके बाद चीन सरकार ने अलीबाबा समूह को उनकी आर्थिक शाखा ऐंट समूह से अलग करने और ऑनलाइन पैसों के लेन-देन पर रोक लगाने का आदेश भी दिया।

आपको बता दें कि जैक मा के ऐंट समूह ने भारत में ऑनलाइन कंपनी पेटीएम और ऑनलाइन खाना सप्लाई करने वाली कंपनी जोमैटो में भारी निवेश कियाहै। वर्ष 1999 में शुरु हुआ अलीबाबा समूह वर्ष 2014 तक इतना बड़ा हो गया कि न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में 25 अरब डॉलर की कंपनी के रूप में इस ने जगह बना ली। उस समय जैक मा की व्यक्तिगत संपत्ति साढ़े 19  अरब डॉलर की थी और जैक मा फोर्ब्स लिस्ट के मुताबिक चीन के सबसे धनी व्यक्ति बन गए थे।

हालांकि जैक मा को वापस लोगों के सामने पेश करने के पीछे चीन की मंशा अलीबाबा के शेयरों में आई गिरावट को फिर से पटरी पर लाने की थी, ऐसा थोड़ी देर के बाद हुआ भी जब हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में अलीबाबा के शेयरों में 6 फीसदी का उछाल देखा गया लेकि नए उछाल क्षणिकथा, सूत्रों के हवाले से पता चला कि जैक मा ने निवेशकों में विश्वास जगाने के लिए अलीबाबा से उच्च पद छोड़ दिया लेकिन उनका प्रभुत्व अब भी अलीबाबा पर बना हुआ है, लेकिन निवेशकों में अब भी संशय बरकरार है कि जैक मा अब पहले जैसे अपना काम करेंगे या फिर सरकार को अपनी बातों से नाराज करेंगे।

अमेरिकी कंसल्टेंसी चाईना बिकी बुक के सीईओ लीलैंड मिलर के अनुसार जैक मा की वास्तविक स्थिति कैसी है ये सिर्फ बीजिंग ही बता सकता है। मिलर ने आगे बताया कि ये भी अभी साफ नहीं है कि जैक अब भी नरज़बंदी में है, छुपा हुआ है या फिर कोई और बात है। इस बात से साफ पता चलता है कि चीन की सीपीसी ने किस तरह से बड़े व्यापारियों को अपने कब्ज़े में लिया हुआ है। पालो आल्टो में ''स्ट्रीट कैपिटल होल्डिंग्स'' के संस्थापक और निदेशक विलियम हस्टन ने बताया कि  उन्होंने अलीबाबा में अपने कुछ शेयर बेच दिया और निवेश में भी कमी कर दिया क्योंकि अलीबाबा कंपनी में निवेश करने का माहौल अब ठीक नहीं है। भविष्य में वो अलीबाबा में निवेश करने से पहले विनिवेश के वातावरण को परखेंगे तब निवेश के बारे में विचार करेंगे, हस्टन ने आगे कहा कि वो जैक मा की बहुत इज्ज़त करते हैं इसलिए उनकी कंपनी ने अलीबाबा में निवेश किया था लेकिन अब पहले जैसा माहौल नहीं रहा। उन्होंने बताया कि जैक के पचास सेकेंड के टीवी पर अवतरित होने से ये दावा नहीं किया जा सकता कि बीजिंग में सब कुछ ठीक चल रहा है। पिछले वर्ष हस्टन ने अलीबाबा में अपना निवेश 8 फीसदी से घटाकर 1 फीसदी कर दिया था,  
 
उन्होंने बताया कि ऐंट समूह के इनीशियल पब्लिक ऑफर ने उनके विश्वास को झटका दिया है। 
अलीबाबा के एक अन्य निवेशक, फ्लोरिडा की कम्बरलैंड ऐडावाइज़र्स के मुख्य निवेश अधिकारी, डेविड कोटोक जिनकी कंपनी चार अरब डॉलर की है ने बताया कि ऐसे माहौल में हम लोग अभी माहौल को देख रहे हैं, अलीबाबा के ऐंट आईपीओ के रद्द होने से बाज़ार में अभी अनिश्चितता है। ढेर सारे निवेशकों की राय सुनने के बाद अलीबाबा के शेयरों की हालत अब भी खस्ताहाल है और इसके जल्दी सुधरने के कोई संकेत नहीं हैं। बर्कले रिसर्च ग्रुप के प्रमुख हैरी ब्रॉड मैन ने कहा कि अगर बीजिंग में व्यापार की जरा सी भी समझ है तो वो भविष्य में जैक मा के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करेंगे जो चीन को करोड़ों डॉलर कमा कर दे रहा है। इन सारी बातों से स्थिति साफ है कि चीन ने पहले अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी थी उस गलती को सही करने के लिए सीपीसी ने जैक मा को पहले टीवी पर लोगों के सामने उतारा लेकिन जो नुकसान शेयर बाजार को हुआ और निवेशकों का टूटा विश्वास जल्दी लौटने के कोई आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं।
 


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jyoti choudhary

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