ITC में कटौती से 3 बड़ी टैलीकॉम फर्मों को 2000 करोड़ का घाटा!

Tuesday, Jan 16, 2018 - 11:01 AM (IST)

कोलकाता : टैलीकॉम रैगुलेटर के इंटरनैशनल टर्मिनेशन चार्ज (आई.टी.सी.) 43 प्रतिशत घटाने से देश की बड़ी टैलीकॉम कम्पनियों भारती एयरटैल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सैल्युलर को कुछ वित्तीय नुक्सान होगा क्योंकि विदेश में की जाने वाली कॉल्स की बड़ी संख्या पहले ही व्हाट्सएप और स्काइप जैसी एप्स के जरिए हो रही हैं।

रैवेन्यू और ऑप्रेटिंग इंकम पर पड़ेगा 1 प्रतिशत तक असर 
रेटिंग एजैंसी फिच के डायरैक्टर नितिन सोनी ने बताया कि टैलीकॉम रैगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ  इंडिया (ट्राई) के रैगुलेशन से वित्त वर्ष 2019 में बड़ी टैलीकॉम कम्पनियों के रैवेन्यू और ऑप्रेटिंग इंकम पर 1 प्रतिशत तक असर पड़ेगा क्योंकि लोग विदेश में लंबी दूरी की कॉल्स के लिए पहले ही व्हाट्सएप, स्काइप, वाइबर और मैसेंजर का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं।

ट्राई ने शुक्रवार को इनकमिंग इंटरनैशनल कॉल्स के लिए टर्मिनेशन चार्ज 53 पैसे प्रति मिनट से घटाकर 30 पैसे प्रति मिनट कर दिया था। यह चार्ज ग्लोबल लांग-डिस्टैंस टैलीकॉम कम्पनियां लोकल टैलीकॉम कम्पनियों को देती हैं। नया चार्ज 1 फरवरी से लागू होगा।

कम्पनियों को संयुक्त तौर पर हो सकता है 2,000 करोड़ का नुक्सान
देश के 60 प्रतिशत से अधिक मोबाइल सब्सक्राइबर्स को सॢवस देने वाली भारती एयरटैल, वोडाफोन और आइडिया को इससे संयुक्त तौर पर 2,000 करोड़ रुपए सालाना का नुक्सान होने का अनुमान है। इन कम्पनियों ने ट्राई से राष्ट्रीय हित में इसे रद्द करने को कहा है क्योंकि इससे स्थानीय टैलीकॉम कम्पनियों की तुलना में विदेशी टैलीकॉम कम्पनियों को फायदा होगा। सितम्बर 2016 में सॢवसेज शुरू करने वाली रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने इसका समर्थन नहीं किया है।

पुरानी टैलीकॉम कम्पनियों पर बढ़ेगा दबाव 
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कटौती से वित्तीय तौर पर अधिक नुक्सान नहीं होगा लेकिन इससे देश की पुरानी टैलीकॉम कम्पनियों पर दबाव बढ़ेगा। जियो के आने के बाद से ये कम्पनियां प्राइस वॉर का सामना कर रही हैं। इसके अलावा 1 अक्तूबर से लोकल इंटरकनैक्ट चार्ज में 57 प्रतिशत की कमी से भी इन कम्पनियों की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ा था।

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