मार्कीट में निवेशकों के एक हफ्ते में डूबे 4.02 लाख करोड़ रुपए

Saturday, Nov 05, 2016 - 05:58 PM (IST)

नई दिल्लीः पिछले हफ्ते स्टॉक इन्वेस्टरों का 4.02 लाख करोड़ रुपए मार्कीट में डूब गया। इसके प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफ.आई.आई.) द्वारा शेयरों की अटूट बिकवाली और अगले हफ्ते होने जा रहे अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता का माहौल हैं। 30 अक्तूबर को बी.एस.ई. में लिस्टेड फर्मों की कुल मार्कीट पूंजी 114.07 लाख करोड़ रुपए थे, जो 4 नवंबर को 110.05 लाख करोड़ रुपए हो गई। पिछले हफ्ते बेंचमार्क बी.एस.ई. सैंसेक्स 656 पॉइंट्स या 2.35 फीसदी टूटकर 27, 930 पॉइंट्स से 27,274 पॉइंट्स पर पहुंच गया। 50 शेयरों वाला एन.एस.ई. निफ्टी 191.95 पॉइंट्स या 2.23 फीसदी गिरावट के साथ 8,433 पॉइंट्स पर पहुंच गया।

इस हफ्ते क्या होगा
इस हफ्ते भी डोमेस्टिक इक्विटी मार्कीट को वैश्विक के अलावा अन्य मैक्रो-इकनॉमिक फैक्टर्स के कारण प्रभावित हो सकता है। राइट होराइजन इन्वेस्टमेंट अडवाइजरी सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख तुषार पेंढारकर ने बताया कि ज्यादातर बड़ी इकॉनमी वाले देश जैसे ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, पश्चिम एशिया, रूस और अफ्रीका कमोडिटी के निर्यातक हैं। ग्लोबल कमोडिटी मूल्यों पर लगातार दबाव के कारण उनकी जी.डी.पी. ग्रोथ प्रभावित हो रही है। इन अर्थव्यवस्थाओं को पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ को बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और ग्लोबल डिमांड में गिरावट का खतरा बढ़ रहा है। इसलिए भारत और चीन से इन देशों को निर्यात में कमी आ रही है।

चिंताजनक ग्लोबल स्थिति के कारण भारत का प्राइवेट सैक्टर निवेश करने से घबरा रहा है। अत्यधिक कॉर्पोरेट कर्ज क्रेडिट ग्रोथ की रफ्तार को धीमा कर रहा है और नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट्स (डूबे हुए कर्ज) को प्रभावित कर रहा है। इसलिए बैंक इकॉनमी के अहम सैक्टर को ज्यादा क्रेडिट देने से हिचकिचा रहे हैं। मार्कीट भी इन कारणों से प्रभावित हो रहा है।

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