सरकार ने ब्याज दरें घटाने का फैसला लिया वापस, छोटी बचत योजनाओं पर पहले की तरह ही मिलेगा फायदा

Thursday, Apr 01, 2021 - 10:05 AM (IST)

बिजनेस डेस्क:  छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में की गई भारी कटौती के फैसले से पलटते हुए सरकार ने वीरवार को कहा कि इन योजनाओं पर पहले की तरह ब्याज मिलता रहेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसको लेकर एक ट्वीट करते हुए कहा कि वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में छोटी बचत योजनाओं पर जिन दरों से ब्याज मिल रही थी, वही ब्याज दरें वर्ष 2021- 22 की पहली तिमाही में भी जारी रहेगी। 

वित्त मंत्री ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती को लेकर के जो आदेश जारी किए गए थे, उसे वापस नहीं लिया जा रहा है और इन पर पहले की तरह ब्याज मिलता रहेगा। वित्त मंत्रालय इन योजनाओं पर हर तिमाही ब्याज दरों की घोषणा करता है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में आधी फीसदी से लेकर एक फ़ीसदी तक की कटौती करने का निर्णय लिया था, जिससे पीपीएफ पर ब्याज दर 46 साल के निचले स्तर पर आ गया था। 
 

इस पर 46 साल में पहली बार ब्याज दर 7 फ़ीसदी से नीचे 6.4 प्रतिशत पर आ गया था। इसी तरह से राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र पर भी ब्याज दर को 6.8 फीसदी से कम कर 5.9 फीसदी कर दिया गया था। इसके साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दर को 7. 6 प्रतिशत से कम कर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया था। वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरों को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। किसान विकास पत्र पर भी ब्याज दर को 6.9 फीसदी से घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया गया था। डाकघर बचत योजना पर ब्याज दर को चार प्रतिशत से कम कर 3.5 प्रतिशत कर दिया गया था। 


इसी प्रकार, दो साल के लिये मियादी जमा पर पर ब्याज 0.5 प्रतिशत घटाकर 5 प्रतिशत, तीन साल की अवधि के मियादी जमा पर ब्याज 0.4 प्रतिशत कम किया गया था जबकि पांच साल के लिये मियादी जमा पर ब्याज 0.9 प्रतिशत कम कर 5.8 प्रतिशत कर दिया गया था। बालिकाओं के लिये बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना खाते पर ब्याज 2021-22 की पहली तिमाही के लिये 0.7 प्रतिशत घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया था। वित्त मंत्रालय ने 2016 में ब्याज दर तिमाही आधार पर तय किये जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि लघु बचत योजनाओं पर ब्याज सरकारी बांड के प्रतिफल से जुड़ी होंगी।

 

vasudha

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