सैंसेक्स पर जारी रह सकता है दबाव

punjabkesari.in Sunday, Dec 25, 2016 - 12:22 PM (IST)

मुंबईः अमरीकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ौतरी तथा नोटबंदी से बनी कमजोर निवेश धारणा के कारण लगातार दूसरे सप्ताह शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। आने वाले सप्ताह में भी नववर्ष से पहले कारोबार सुस्त रहने, मासिक सौदा निपटान और अमरीका के आर्थिक विकास केे मजबूत आंकड़ों का दबाव बाजार पर दिख सकता है। इस बीच जी.एस.टी. परिषद् की 22 और 23 दिसंबर की बैठक में भी केंद्र सरकार तथा राज्यों के बीच कर संग्रह अधिकार को लेकर सहमति नहीं बन पाने के कारण आने वाले सप्ताह में बाजार पर दबाव जारी रह सकता है। 

अमरीका में ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की बढ़ौतरी तथा अगले साल 3 बार बढ़ौतरी करने की घोषणा के बाद से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार शेयरों तथा डेट की बिकवाली कर रहे हैं। इससे भी बाजार में बिकवाली का क्रम जारी रह सकता है। बीते सप्ताह 5 में से 4 दिन बाजार में गिरावट रही जबकि अंतिम दिन शुक्रवार को इसमें थोड़ा सुधार हुआ। बीएसई का सैंसेक्स 1.69 प्रतिशत यानी 448.86 अंक की साप्ताहिक गिरावट के साथ शुक्रवार को 26,040.70 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार को यह करीब एक महीने बाद 26 हजार अंक से नीचे उतर गया था। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी आलोच्य सप्ताह में 1.88 प्रतिशत यानी 153.70 अंक लुढ़ककर 7,985.75 अंक पर रहा। 

मंझोली तथा छोटी कंपनियों में बड़ी गिरावट रही। बीएसई का मिडकैप 3.88 प्रतिशत तथा स्मॉलकैप 2.61 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट में बंद हुआ। सोमवार को सुस्त कारोबार के बीच सैंसेक्स 114.86 अंक नीचे 26,374.70 अंक पर रहा। मंगलवार को इसमें 66.72 अंक तथा बुधवार को 65.60 अंक की गिरावट रही। गुरुवार को वैश्विक स्तर पर निवेश धारणा कमजोर रहने से घरेलू बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई। सैंसेक्स 262.78 अंक फिसलकर 25,979.60 अंक तक उतर गया। इस साल 24 नवंबर के बाद पहली बार यह 26 हजार अंक से नीचे बंद हुआ। हालांकि, सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस पर शुक्रवार को 7 दिन से जारी गिरावट का क्रम समाप्त करते हुे सैंसेक्स 61.10 अंक चढ़कर 26,040.70 अंक पर बंद हुआ। 


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