''दिवाला कानून के तहत दो साल में 3 लाख करोड़ रुपए के फंसे कर्ज के समाधान में मदद''
Saturday, Nov 24, 2018 - 05:20 PM (IST)
नई दिल्लीः दिवाला कानून लागू होने के बाद से पिछले दो साल के दौरान प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से 3 लाख करोड़ रुपए के फंसे कर्ज का समाधान करने में मदद मिली है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता सहिंता (आईबीसी) के तहत समाधान के लिए अब तक 9,000 से अधिक मामले आए हैं। इस कानून को दिसंबर 2016 में लागू किया गया। कॉर्पोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि आईबीसी का करीब 3 लाख करोड़ रुपए की फंसी परिसंपत्तियों पर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से असर हुआ है और फंसे कर्ज के समाधान में मदद मिली है। इस राशि में समाधान योजना के माध्यम से हुई वसूली और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष आने से पहले निपटाए गए मामलों से प्राप्त राशि भी शामिल की गई है।
उन्होंने कहा कि 3,500 से अधिक मामलों को एनसीएलटी में लाने से पहले ही सुलझा लिया गया और इसके परिणास्वरूप 1.2 लाख करोड़ रुपए के दावों का निपटारा हुआ। आईबीसी के तहत, एनसीएलटी से अनुमति के बाद ही मामले को समाधान के लिए आगे बढ़ाया जाता है। श्रीनिवास ने कहा, 'करीब 1,300 मामलों को समाधान के लिए रखा गया और इनमें से 400 के आसपास मामलों में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है 60 मामलों में समाधान योजना को मंजूरी मिल गई है, 240 मामलों में परिसमापन के आदेश दिए गए हैं जबकि 126 मामलों में अपील की गई है। इन मामलों में से जिनका समाधान हो गया उनसे अब तक 71,000 करोड़ रुपए की वसूली हुई है।'
आईबीसी के तहत परिपक्वता के चरण में पहुंच चुके मामलों में 50,000 करोड़ रुपए और मिल जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, 'कानून की समाधान प्रक्रिया के तहत प्राप्त राशि और जल्द मिलने वाली राशि को यदि जोड़ लिया जाए तो कुल 1.2 लाख करोड़ रुपए आए हैं इसमें यदि एनसीएलटी प्रक्रिया में आने से पहले ही सुलझा लिए गए मामलों को भी जोड़ दिया जाए तो यह राशि 2.4 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी।'