कर मामलों को दोबारा से खोलने के कारणों के बारे में करदाताओं को पहले दी जाएगी जानकारी: CBDT

Saturday, Feb 06, 2021 - 06:28 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रमुख पी सी मोदी ने शुक्रवार को कहा कि करदाताओं के आयकर रिटर्न को दोबारा से खोला जाता है, तो उसके जांच के कारणों के बारे में उन्हें पहले से जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में जवाब संतोषजनक नहीं होगा, उन्हें ही दोबारा से खोला जाएगा।

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में कर मामलों को दोबारा से खोलने को लेकर समयसीमा 6 साल से घटाकर तीन साल कर दी गई है। वहीं 50 लाख रुपए और उससे अधिक के गंभीर कर धोखाधड़ी मामलों में 10 साल पुराने मामले खोले जा सकते हैं। मोदी ने उद्योग मंडल सीआईआई के कार्यक्रम में कहा, ‘‘मामलों को दोबारा से खोला जाता है करदाताओं को यह पता नहीं चलेगा ऐसा क्यों किया गया है। इसीलिए हमने यह प्रावधान किया है कि जांच के कारणों के बारे में संबंधित करदाता को पहले से जानकारी देनी होगी और संतोषजनक जवाब नहीं आने या सुलह नहीं होने की स्थिति में ही मामले को दोबारा खोला जाएगा।''

सीबीडीटी के चेयरमैन ने कहा कि बजट में मामलों को दोबारा से खोलने के पीछे तर्क करदाताओं के लिए अधिक निश्चितंता लाना है। मोदी ने कहा, ‘‘जिन जगहों पर काफी कानूनी विवाद थे, हमने उन्हें इस हद तक तर्कसंगत बनाने का प्रयास किया है, जिससे वे आकलन अधिकारी के विवेक पर निर्भर नहीं हो, जो भी मामले खोले जाएंगे, वह मुख्य रूप से आंकड़ा विश्लेषण और जोखिम आकलन के आधार पर होगा। इसमें प्रणाली की भूमिका होगी और वही बताएगी कि किन मामलों को खोला जाना है।'' 

बजट में विवाद समाधान समिति की घोषणा के संदर्भ में मोदी ने कहा कि ज्यादातर कर विवाद के मामले छोटे करदाताओं से जुड़े हैं। इसीलिए उनके मामलों के समाधान के लिए सीमा तय की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट भाषण में कहा था कि 50 लाख रुपए तक की आय वाले छोटे करदाताओं की मदद के लिए 10 लाख रुपए तक विवादित राशि के मामले में कानूनी विवाद कम करने के लिए विवाद समाधान समिति का गठन किया जाएगा। मोदी ने यह भी कहा कि सीबीडीटी ने विवाद से विश्वास योजना के तहत घोषणा करने की समयसीमा 28 फरवरी कर दी है। वहीं विवाद समाधान करने की तारीख 31 मार्च है। इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। 

jyoti choudhary

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