बीमा पॉलिसी बंद करने से पहले नहीं दी सूचना, अब एस.बी.आई. देगा जुर्माना

Wednesday, Nov 01, 2017 - 11:10 AM (IST)

नई दिल्ली: किसी लोन के साथ दी जाने वाली बीमा पॉलिसी को बंद करने से पहले बैंकों की ओर से संबंधित ग्राहक को इसकी व्यक्तिगत सूचना देना जरूरी है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एन.सी.डी.आर.सी.) ने अपने ताजा आदेश में यह बात कही है। एन.सी.डी.आर.सी. ने भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई) के खिलाफ  एक उपभोक्ता की शिकायत पर सुनवाई करते हुए निचली फोरम के आदेश को बरकरार रखते हुए उसे जुर्माना देने का आदेश दिया।

क्या है मामला
आंध्र प्रदेश निवासी सुरीसेट्टी लक्ष्मी साई के पति वेंकट राव ने 2009 में एस.बी.आई. से 8 लाख और 5.80 लाख रुपए के 2 होम लोन लिए थे। उस समय बैंक ने लोन के साथ उन्हें नि:शुल्क व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी भी दी थी। इसके अंतर्गत कर्ज लेने वाले की मौत होने की स्थिति में बैंक ने बीमा की राशि को कर्ज की राशि में समाहित करने की बात कही थी। 26 अक्तूबर, 2013 को एक दुर्घटना में वेंकट राव की मृत्यु हो गई। उनकी मौत के बाद बैंक ने यह कहते हुए बीमा राशि को लोन में समाहित करने से इन्कार कर दिया कि बीमा पॉलिसी 1 जुलाई, 2013 को बंद कर दी गई थी। इस संबंधी अखबार में सूचना दी गई थी और इसे बैंक की वैबसाइट पर भी डाल दिया गया था।

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