स्टील की बढ़ती कीमतों से परेशान इंडस्ट्री, कंपनियां बढ़ा सकती हैं कीमतें

Thursday, Dec 14, 2017 - 03:20 PM (IST)

नई दिल्लीः लगातार स्टील प्राइस बढ़ने से इसका रॉ मैटेरियल की तरह इस्तेमाल कर रही साइकिल,  इंजीनियरिंग गुड्स, यूटेन्सिल्स बनाने वाली इंडस्ट्री की परेशानी बढ़ गई है। इंडस्ट्री के मुताबिक स्टील कंपनियों ने बीते 4 महीने में चार बार कीमते बढ़ाई हैं जिससे उनकी लागत 15 से 20 फीसदी तक बढ़ चुकी है। जीएसटी का कारोबार पर नेगेटिव असर पड़ने के कारण वह कीमतें नहीं बढ़ा पाएं थे लेकिन अब उनके पास कीमतें बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं।

अभी तक इंडस्ट्री ने कीमतें नहीं बढ़ाई है लेकिन अगर केंद्र सरकार स्टील की कीमतें कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाती है तो कीमतें बढ़ना तय है। कंपनियां 10-12 फीसदी तक कीमतें बढ़ा सकती हैं।  सरकार के इंपोर्ट ड्यूटी, एंटी डंपिंग ड्यूटी, काउंटरवेलिंग ड्यूटी, सेफगार्ड ड्यूटी, एमआईपी और बीआईएस लगाने के बाद भारत में स्टील इंपोर्ट करना महंगा और मुश्किल हो गया है।

चीन से बढ़ रहा है इम्पोर्ट
मेटल एंड स्टेनलेस स्टील मर्चेंट एसोसिएशन (एमएसएमए) के प्रेसिडेंट जितेंद्र शाह ने बताया कि स्टील कंपनियों ने 8 दिन पहले ही कार्बन बेस्ड स्टील की कीमतें 4 रुपए प्रति किलो बढ़ाई है। पहले ही सरकार ने स्टील पर एमआईपी, ड्यूटी और बीआईएस मानकों ने स्टील इंपोर्ट को महंगा कर दिया है,जिसके कारण लोकल इंडस्ट्री के पास घरेलू कंपनियों से स्टॉक खरीदने का विकल्प नहीं बचता है। एमएसएमई कारोबारी अब चीन से सीधे फाइनल प्रोडक्ट का इंपोर्ट कर रही हैं।

इनमें यूटेंसिल्स, नट, बोल्ट, मेडिकल इक्विपमेंट बनाने वाली एमएसएमई शामिल हैं। स्टेनलेस यूटेंसिल्स कारोबारी और एसोसिएशन प्रमुख देवकीनंदन बागला ने बताया कि घरेलू स्टील कंपनियों के महंगे स्टील और बढ़ती मनमानी के कारण कई कारोबारी चीन से सीधे फाइनल प्रोडक्ट मंगा रहे हैं, क्योंकि स्टील इंपोर्ट करने पर ड्यूटी है, फाइनल प्रोडक्ट पर नहीं।

घरेलू कंपनियों पर मनमानी का आरोप
कारोबारियों के अनुसार घरेलू कंपनियां जिंदल, सेल आयरनओर और कोकिंग कोल की कीमतें बढ़ने के कारण कीमतें बढ़ा रही हैं। बीते छह से आठ महीने में स्टील पर कीमतें 2,500 रुपए प्रति टन से लेकर 9,000 रुपए प्रति टन तक बढ़ गई है। जिसकी वजह से छोटी कंपनियों पर प्रेशर बढ़ गया है।
 

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