Indigo की 5 साल में 350 विमानों की योजना

Monday, Aug 28, 2017 - 01:26 PM (IST)

नई दिल्ली : देश की बड़ी एयरलाइंस में शामिल इंडिगो ने भविष्य में यात्रियों के लिए और किफायती सुविधाएं देने के लिए महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। कंपनी की योजना अगले पांच सालों में विमानों की संख्या 350 तक पहुंचाने का लक्ष्य है, फिलहाल कंपनी के पास अभी 138 विमान है। कंपनी क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान) से भी जुड़ने जा रही है ।

25 फीसदी कम किराये की पेशकश
सूत्रों के मुताबिक इंडिगो क्षेत्रीय संपर्क मार्गों पर मौजूदा किराये से आधी दर पर टिकट की पेशकश कर सकती है। इन मार्गों पर दूसरी कंपनियां अभी बहुत किराया वसूल रही हैं। कंपनी उड़ान योजना के तहत हवाई मार्गों के लिए बोली लगाएगी लेकिन अपने बिज़नेस मॉडल को टिकाऊ बनाने के लिए सरकार से सब्सिडी नहीं मांगेगी। लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए इंडिगो दूसरी कंपनियों से 25 फीसदी कम किराये पर टिकट की पेशकश करेगी। इतना ही नहीं ये उड़ानें यात्रियों की सुविधा के मुताबिक यूरोप पहुंचेंगी।

हर साल 5 से 6 विमान खरीदने की योजना
इंडिगो ने पहले अपने सभी विमानों को बेचने और फिर उन्हें पट्टे पर लेने की योजना बनाई थी, लेकिन अब उसने हर साल कम से कम 5 से 6 विमान खरीदने की योजना बनाई है। विमानों की खरीद मुफ्त नकदी प्रवाह से की जाएगी। इससे कंपनी अपने कर्ज को काबू में रख पाएगी, अन्यथा उसे विमानों को खरीदने के लिए भारी कर्ज लेना होता। इससे कंपनी विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव से भी बच जाएगी। इंडिगो का कहना है कि अब विमान को खरीदना ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि अगले 20 वर्षों में विमान में ज्यादा बुनियादी प्रौद्योगिकी बदलाव होने की संभावना नहीं है।

विस्तार की व्यापक संभावना
इंडिगो अपने मौजूदा कारोबार में विस्तार की व्यापक संभावना देख रही है। कंपनी अभी केवल 39 शहरों में ही अपनी उड़ानें संचालित कर रही है जो स्पाइसजेट से भी कम है लेकिन उसकी बाजार हिस्सेदारी स्पाइसजेट से दोगुना से भी ज्यादा है। कंपनी देश के 36 और शहरों में अपना विस्तार कर सकती है। इन शहरों में जेट उतर सकता है लेकिन इंडिगो वहां सेवाएं नहीं देती है। कंपनी को कोलकाता से भी उड़ानों के संचालन में विस्तार की व्यापक संभावना दिख रही है। वहां से दूसरे शहरों मसलन दिल्ली के लिए उड़ानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। साथ ही कंपनी का अनुमान है कि उसकी कुल क्षमता में एटीआर संचालन का योगदान करीब 5 फीसदी होगा।

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